नूह का जहाज़ क्या सन्देश देता है? (The Ark Of Noah)

Life Lessons From The Ark Of Noah. आज के युग के लिए चेतावनी।

नूह का जहाज़ क्या सन्देश देता है? (Life Lessons From The Ark Of Noah) आज के युग के लिए चेतावनी। नूह का जहाज आज के समय के लिए प्रभु यीशु का प्रतिरूप है। बाइबल में प्रभु यीशु मसीह को बहुत प्रकार के उदाहरणों से प्रकट किया गया है। आज हम देखेंगे कि किस प्रकार वह नूह के जहाज के उदाहरण में प्रकट होता है। 

जहाज़ कब बनाया गया?

नूह को परमेश्वर के आज्ञानुसार जहाज को बनाने की आवश्यकता तब पड़ी जब धरती पर पाप बढ़ गया था। मनुष्य के मन में जो भी उत्पन्न होता था निरन्तर बुरा ही होता था। (उत्पति 6:5) मनुष्य ने परमेश्वर को बहुत ही खेदित किया। (उत्पति 6:6) और परमेश्वर ने निर्णय लिया कि मैं पृथ्वी पर से सब कुछ मिटा दूंगा। (उत्पति 6:7) पर वचन हमें बताता है कि नूह अपने समय के लोगों में एक खरा और धार्मिक व्यक्ति था इसलिए परमेश्वर के अनुग्रह की दृष्टि नूह पर थी। 

नूह का जहाज़ क्या सन्देश देता है? (Life Lessons From The Ark Of Noah)
Contributed by Moody Publishers

चूंकि एक मनुष्य के द्वारा जगत में पाप आया और पाप के द्वारा मृत्यु आयी और इस रीति से मृत्यु सब मनुष्यों में फैल गई क्योंकि सब ने पाप किया है। (रोमियों 5:12) पवित्र शास्त्र स्पष्टता से बताता है कि सब भटक गए, कोई भलाई करने वाला नहीं एक भी नहीं। मनुष्यों ने कुशल का मार्ग नहीं जाना, उनके आंखों के सामने परमेश्वर का भय नहीं। (रोमियों 3:10-18)

उपदेशक भी बताता है कि निःसंदेह पृथ्वी पर कोई ऐसा मनुष्य नहीं जो भलाई ही करे और जिस से पाप ना हुआ हो। (सभोपदेशक 7:20, यहेजकेल 18:4) इसलिए परमेश्वर को मानव जाति को बचाने के लिए जहाज का निर्माण करना पड़ा जो कि आज के समय के लिए मसीह का प्रतिरूप है। क्योंकि इस युग को पाप और हमेशा के अलगाव से बचाने के लिए यीशु ही एक मात्र उपाय है।

जहाज़ परमेश्वर के बचाने का उपाय था। 

पृथ्वी पर पाप बहुत ही बढ़ गया था क्योंकि मनुष्य के कारण पृथ्वी उपद्रव से भर गई थी। परमेश्वर ने नूह को एक विशाल जहाज बनाने को कहा, ताकि नूह और नूह का परिवार और सभी जीव जंतुओं में से उनके जोड़े और अनाज इत्यादि बच जाए। (उत्पति 6:13-22) इस प्रकार जो-जो भी उस नाव में प्रवेश कर गए अर्थात् जिन्होंने परमेश्वर के उस उपाय पर विश्वास किया वे सब प्राणी उस विनाश से बच गए। प्रभु यीशु के धरती पर आने का भी यही कारण था कि जो लोग उस पर विश्वास करे वह नाश न हो बल्कि वे सब अनंत जीवन अर्थात् मोक्ष प्राप्त करे। (यूहन्ना 3:16) 

नूह का जहाज़ क्या सन्देश देता है? (Life Lessons From The Ark Of Noah)
Contributed by Moody Publishers

जैसा कि हमने पहले ही देख लिया था कि मनुष्य स्वभाव से ही पापी है और इस कारण वह परमेश्वर से दूर है। परन्तु परमेश्वर जो अति दयालू है वो नहीं चाहता था कि हम अपने रचने वाले अर्थात अपने आत्मिक पिता से दूर रहे। इसलिए उसने हमें बचाने का स्थाई उपाय निकाला, क्योंकि वो हमसे हमेशा से निस्वार्थ प्रेम करता है। प्रेम इसमें नहीं है कि हमने परमेश्वर से प्रेम किया पर इसमें है कि उसने हमसे प्रेम किया और हमारे पापों का प्रायश्चित बन कर आया। ताकि जो भी उसके ऊपर विश्वास करे वो नाश न हो बल्कि अब्दी ज़िन्दगी पाए। (1 यूहन्ना 4:10)

केवल एक ही बचाने का उपाय है।

जिस प्रकार नूह का जहाज उस युग में परमेश्वर का उस विनाश से बचाने का एक मात्र रास्ता था, आज भी इस अंतिम युग में मानवजाति को बचाने का यीशु ही एक मात्र रास्ता है। क्योंकि किसी दूसरे के द्वारा मुक्ति नहीं, स्वर्ग के नीचे मनुष्यों में कोई दूसरा कोई नाम नहीं दिया गया है जिससे हम उद्धार अर्थात् मोक्ष प्राप्त कर सके। (प्रेरित 4:12) यीशु ने स्वयं कहा कि मार्ग, सत्य और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता। (यूहन्ना 14:6)

जहाज़ उनकी सुरक्षा का दृढ़ गढ़ था।

जहाज उनकी सुरक्षा का एक दृढ़ गढ़ था। पृथ्वी पर जल प्रलय भेजने से पहले परमेश्वर ने नूह से कहा कि तू अपने सारे घराने समेत जहाज में जा क्योंकि इस समय के लोगों में से केवल तुझी को अपनी दृष्टि में धर्मी पाया है। (उत्पति 7:1) तो हम देख सकते हैं कि उस समय भी धार्मिकता के द्वारा ही मानव जाति का उस महा विनाश से बचाव हुआ। नूह धार्मिकता का उपदेशक था। जैसे ही परमेश्वर ने जल प्रलय को पृथ्वी पर भेजा और नूह के समेत सब प्राणियों ने उसमें प्रवेश किया तो परमेश्वर ने जहाज के द्वार को बंद कर दिया। जो कि दर्शाता है कि सच्ची सुरक्षा भी परमेश्वर से ही आती है। (उत्पति 7:10-16) 

इसी प्रकार इस अंतिम युग में प्रभु यीशु के ऊपर विश्वास के द्वारा ही हमें अनंत जीवन मिलता है। (यूहन्ना 3:15-16) प्रभु यीशु इसलिए इस जगत में नहीं आए कि जगत पर दंड की आज्ञा दे परन्तु इसलिए आए कि जगत उसके द्वारा उद्धार को प्राप्त करे। वचन स्पष्टता से बताता है कि जो उस पर विश्वास करता है उस पर दंड की आज्ञा नहीं पर जिसने उस पर विश्वास नहीं किया वह दोषी ठहर चुका क्योंकि उस व्यक्ति ने इस अंतिम युग को बचाने के उपाय पर विश्वास नहीं किया। (यूहन्ना 3:17-18)

प्रभु यीशु ने अपने अनुयायियों को ये आश्वासन दिया है कि मैं उन्हें अनंत जीवन देता हूं। वे कभी नष्ट ना होंगी और कोई उन्हें मेरे हाथ से छीन ना लेगा। वे जो प्रभु यीशु के पास हैं, पूर्ण सुरक्षा में हैं। (यूहन्ना 10:28-29) क्योंकि जो कोई विश्वास करता है अनंत जीवन उसका है। (यूहन्ना 6:47)

सब जो जहाज़ के अंदर आए बच गए।

जितने भी जहाज के अंदर थे वे सब उस महाजलप्रलय से बच गए। क्योंकि उन सब ने परमेश्वर के वचन पर विश्वास किया था। (उत्पति 8:15-20) ठीक इसी प्रकार से जिसने प्रभु यीशु पर विश्वास किया और उसका वचन ग्रहण किया है अनंत जीवन उसका है। उस पर दंड की आज्ञा नहीं; वह मृत्यु से पार होकर जीवन में प्रवेश कर चुका है। (यूहन्ना 5:24, 6:40, 1 कुरिंथियों 15:22)

नूह का जहाज़ क्या सन्देश देता है? (Life Lessons From The Ark Of Noah)
Contributed by Moody Publishers

एक समय आया कि जब परमेश्वर ने द्वार बंद कर दिया और बाहर के मनुष्य नाश हो गए।

आज के युग के लिए भी यह एक चेतावनी है। सिर्फ वो ही बचाए जाएंगे जिन्होंने प्रभु यीशु पर विश्वास किया है। आज भी परमेश्वर चाहता है कि लोग अपने पापों से में मन फिराएं और अपने प्राणों के रक्षक के पास लौट आएं। उसके पास आने के लिए इंकार ना करें, और ना उसकी ताड़ना को तुच्छ जानें। (नीतिवचन 1:24-25) अपनी तैयारी जारी रखें, सुस्त ना हों नहीं तो जब समय आएगा तब दरवाजा बंद कर दिया जाएगा; उसके साथ वही जाएगा जो तैयार रहेगा। (मत्ती 25:10) धन्य है वह जो प्रभु के नाम से आता है। (लूका 13:35)

नूह का जहाज़ क्या सन्देश देता है? (Life Lessons From The Ark Of Noah)
Contributed by Moody Publishers

वचन बताता है कि जैसा नूह के दिनों में हुआ था वैसा ही प्रभु यीशु के दिन में भी होगा। क्योंकि उस वक्त भी लोगों ने नूह का मजाक उड़ाया था, उसको तुच्छ जाना था। उनमें शादी विवाह होते थे, लोग खाते पीते थे और अपनी दुनियां में ही मस्त थे। (लूका 17:25-27) आज भी जब प्रभु यीशु दूसरी बार आने वाले हैं हम भी तैयार रहें और धार्मिकता का प्रचार करते रहें, ताकि कोई भी नाश न हों पर सभी अनंत जीवन पाएं। क्योंकि जिसके पास पुत्र है उसके पास जीवन है और जिसके पास पुत्र नहीं उसके पास जीवन भी नहीं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Anand Vishwas
Anand Vishwas
आशा है कि यहां पर उपलब्ध संसाधन आपकी आत्मिक उन्नति के लिए सहायक उपकरण सिद्ध होंगे। आइए साथ में उस दौड़ को पूरा करें, जिसके लिए प्रभु ने हम सबको बुलाया है। प्रभु का आनंद हमारी ताकत है।

More articles ―

My First Illustrated Bible Stories New Testament Boxed Set of 10 Books

My First Illustrated Bible Story series is a collection of richly illustrated well-known stories from the Old Testament. Each story is written in an easy-to-understand manner, which will surely be enjoyed by its readers. This boxed set is perfect for sharing.This book is a must-have for all children!• Has well-researched and child-friendly content• Is an excellent selection for gifting and school libraries• Contains ten most well-known stories from the Old Testament• Features gorgeous and bright illustrations on every page• Is a highly recommended addition to beginner’ s Bible collection