"मसीहत परमेश्वर के साथ एक रिश्ता है।"
आशा है कि यहां पर उपलब्ध संसाधन आपकी आत्मिक उन्नति के लिए सहायक उपकरण सिद्ध होंगे। आइए साथ में उस दौड़ को पूरा करें, जिसके लिए प्रभु ने हम सबको बुलाया है। प्रभु का आनंद हमारी ताकत है।
क्या आपकी पीड़ा बहुतों के द्वारा धन्यवाद बढ़ाती है?
अपनी पीड़ा को व्यर्थ जाने न दें। (Do Not Waste Your Pain) क्या आपकी पीड़ा बहुतों के द्वारा धन्यवाद बढ़ाती है? परमेश्वर आपके दुःख और पीड़ा को कभी व्यर्थ नहीं जाने देगा। क्या आप जानते हैं कि अपनी पीड़ा के द्वारा आप परमेश्वर के अनुग्रह को दूसरों तक पहुंचा सकते हो जो...
Inductive Bible Study Method क्या होता है?
What Is Inductive Bible Study? | With Example | Luke 6:46-49 | त्रि-कदमी विवेचनात्मक बाइबल अध्ययन विधि से बाइबल कैसे पढ़ें? What Is Inductive Bible Study? | With Example | Luke 6:46-49 | त्रि-कदमी विवेचनात्मक बाइबल अध्ययन विधि से बाइबल कैसे पढ़ें?अवलोकन (Observation) -...
स्वर्गीय विचारों के लिए प्रेरणा (कुलुस्सियों 3:1-4)
क्यों एक मसीही को स्वर्गीय वस्तुओं पर अपना मन लगाना चाहिए? क्यों एक मसीही को स्वर्गीय वस्तुओं पर अपना मन लगाना चाहिए?क्योंकि विश्वासी का मसीह के साथ मिलाप एक भूतकाल सच्चाई है।क्योंकि विश्वासी का मसीह के साथ मिलाप एक वर्तमान सच्चाई है।क्योंकि विश्वासी का मसीह के साथ...
आप अपना मन कहाँ लगाते हैं?
क्योंकि एज्रा ने यहोवा की व्यवस्था का अर्थ जान लेने, और उसके अनुसार चलने, और इस्राएल में विधि और नियम सिखाने के लिये अपना मन लगाया था। – एज्रा 7:10
Study It (Know)
एज्रा ने अपना मन परमेश्वर के वचन का अर्थ जान लेने में लगाया, इसलिए उसने इसका अध्ययन किया। क्या आपके पास आज समय है परमेश्वर के वचन का अर्थ जानने के लिए, अर्थात इसके अध्ययन के लिए?
Practice It (Be)
एज्रा ने अपना मन परमेश्वर के वचन का अभ्यास करने में लगाया। उसने इसे सबसे पहले अपने जीवन में लागू किया। क्या आप भी वचन के अनुसार जी रहे हैं?
Teach It (Do)
एज्रा ने परमेश्वर के वचन को सिखाने में भी मन लगाया। अर्थात जिसका उसने अर्थ जाना, उसके बाद अपने जीवन में लागू किया तब जाकर दूसरों को भी सिखाया। क्या आप भी परमेश्वर के वचन को सिखा रहे हैं?