"मसीहत परमेश्वर के साथ एक रिश्ता है।"

आशा है कि यहां पर उपलब्ध संसाधन आपकी आत्मिक उन्नति के लिए सहायक उपकरण सिद्ध होंगे। आइए साथ में उस दौड़ को पूरा करें, जिसके लिए प्रभु ने हम सबको बुलाया है। प्रभु का आनंद हमारी ताकत है।

सामरी स्त्री के जीवन से हम क्या सीख सकते हैं?

सामरी स्त्री के जीवन से हम क्या सीख सकते हैं?

सामरी स्त्री के जीवन से हम क्या सीख सकते हैं? (Go And Make Disciples) ये प्रभु यीशु द्वारा दिया गया महान आदेश था। प्रभु यीशु जब इस दुनियां में मानव रूप में थे उन्होंने अपने जीवन को एक उद्देश्य के साथ जीया क्योंकि वो जानते थे कि वो कहां से आए और कहां को उन्हें जाना...

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मूसा के जीवन से सबक (Paying the Price)

मूसा के जीवन से सबक (Paying the Price)

बाइबल में कई विश्वास के हीरो हुए जो कि अपने विश्वास को बचाने के लिए कीमत चुकाने को भी तैयार थे, और उन्होंने एक बड़ी कीमत भी चुकाई। हमारे जीवन में ऐसा समय भी आता है जब हमारे विश्वास का परीक्षण होता है। आज के इस लेखांश में हम मूसा के जीवन में से सीखेंगे कि किस प्रकार उन्होंने अपने नैतिक मूल्यों के साथ समझौता नहीं किया और अपने विश्वास के संरक्षण के लिए कीमत भी चुकाई।

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प्रार्थना कैसे करें? (How to Pray?)

प्रार्थना कैसे करें? (How to Pray?)

प्रार्थना कैसे करें? (How to Pray?) (Matthew 6:5-15) यदि हम वचन में देखें तो प्रार्थना मसीही जीवन का एक दैनिक कार्यकलाप है। तभी प्रभु यीशु ने कहा कि जब तू प्रार्थना करे तो कपटियों के जैसे प्रार्थना न करना। अब सवाल ये भी उठता है कि कपटी लोग प्रार्थना कैसे करते हैं?...

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आप अपना मन कहाँ लगाते हैं?

क्योंकि एज्रा ने यहोवा की व्यवस्था का अर्थ जान लेने, और उसके अनुसार चलने, और इस्राएल में विधि और नियम सिखाने के लिये अपना मन लगाया था। – एज्रा 7:10

Study It (Know)

एज्रा ने अपना मन परमेश्वर के वचन का अर्थ जान लेने में लगाया, इसलिए उसने इसका अध्ययन किया। क्या आपके पास आज समय है परमेश्वर के वचन का अर्थ जानने के लिए, अर्थात इसके अध्ययन के लिए?

Practice It (Be)

एज्रा ने अपना मन परमेश्वर के वचन का अभ्यास करने में लगाया। उसने इसे सबसे पहले अपने जीवन में लागू किया। क्या आप भी वचन के अनुसार जी रहे हैं?

Teach It (Do)

एज्रा ने परमेश्वर के वचन को सिखाने में भी मन लगाया। अर्थात जिसका उसने अर्थ जाना, उसके बाद अपने जीवन में लागू किया तब जाकर दूसरों को भी सिखाया। क्या आप भी परमेश्वर के वचन को सिखा रहे हैं?