"मसीहत परमेश्वर के साथ एक रिश्ता है।"
आशा है कि यहां पर उपलब्ध संसाधन आपकी आत्मिक उन्नति के लिए सहायक उपकरण सिद्ध होंगे। आइए साथ में उस दौड़ को पूरा करें, जिसके लिए प्रभु ने हम सबको बुलाया है। प्रभु का आनंद हमारी ताकत है।
किससे डरना चाहिए? (Whom Shall We Fear?)
वचन स्पष्टता से बताता है कि हमें उससे नहीं डरना है जो सिर्फ शरीर को नुकसान पहुंचाता है पर हमें उससे डरने की आवश्यकता है जिसको कि हमारे शरीर और आत्मा दोनों को नरक में डालने का या नुकसान पहुंचाने का अधिकार है।
सच्चे शिष्य की पहचान कैसे करें?
मसीही लोग, मसीही होने वाला कोई अलग पहनावा नहीं पहनते हैं जिससे पता चले कि वे प्रभु यीशु मसीह के अनुयाई हैं। लेकिन प्रभु यीशु ने कहा कि उसके शिष्य अलग दिखाई देने चाहिए। जो बात उन्हें दूसरों से अलग करती है उसका शारीरिक दिखावटी से कुछ लेना-देना है ही नहीं। प्रभु यीशु ने ऐसे कुछ गुणों को बताया जिन्हें देखकर लोगों को मालूम होता है कि आप सचमुच में प्रभु यीशु के शिष्य हैं।
यीशु और जक्कई से जीवन के सबक?
जो लोग अपने पापों का अंगीकार करते हैं और यीशु को प्रभु जानकर विश्वास करते हैं उनका जीवन पूरी तरह से बदल जाता है।
आप अपना मन कहाँ लगाते हैं?
क्योंकि एज्रा ने यहोवा की व्यवस्था का अर्थ जान लेने, और उसके अनुसार चलने, और इस्राएल में विधि और नियम सिखाने के लिये अपना मन लगाया था। – एज्रा 7:10
Study It (Know)
एज्रा ने अपना मन परमेश्वर के वचन का अर्थ जान लेने में लगाया, इसलिए उसने इसका अध्ययन किया। क्या आपके पास आज समय है परमेश्वर के वचन का अर्थ जानने के लिए, अर्थात इसके अध्ययन के लिए?
Practice It (Be)
एज्रा ने अपना मन परमेश्वर के वचन का अभ्यास करने में लगाया। उसने इसे सबसे पहले अपने जीवन में लागू किया। क्या आप भी वचन के अनुसार जी रहे हैं?
Teach It (Do)
एज्रा ने परमेश्वर के वचन को सिखाने में भी मन लगाया। अर्थात जिसका उसने अर्थ जाना, उसके बाद अपने जीवन में लागू किया तब जाकर दूसरों को भी सिखाया। क्या आप भी परमेश्वर के वचन को सिखा रहे हैं?