"मसीहत परमेश्वर के साथ एक रिश्ता है।"
आशा है कि यहां पर उपलब्ध संसाधन आपकी आत्मिक उन्नति के लिए सहायक उपकरण सिद्ध होंगे। आइए साथ में उस दौड़ को पूरा करें, जिसके लिए प्रभु ने हम सबको बुलाया है। प्रभु का आनंद हमारी ताकत है।
यीशु से सीखें प्रार्थना कैसे करें? मती 6:9-13
प्रभु यीशु के प्रार्थना जीवन को देखने के बाद उनके एक शिष्य ने उनसे कहा कि प्रभु, हमें प्रार्थना करना सिखा। इस निवेदन तथा इस निवेदन को यीशु का प्रतिउत्तर से पता चलता है कि प्रभावशाली प्रार्थना सिखाई जा सकती है।
मसीही जीवन में प्रार्थना का महत्व
मसीही जीवन प्रार्थना के बिना जीवित नहीं रह सकता। जैसा कि आपको मालूम ही है कि Christian Life कोई धर्म नहीं है बल्कि परमेश्वर के साथ निरंतर बढ़ता हुआ संबंध है। Prayer परमेश्वर के साथ बातचीत है। प्रार्थना के द्वारा हम परमेश्वर के साथ हमारे रिश्ते में घनिष्ठता की ओर बढ़ते हैं। प्रार्थना प्रत्येक मसीही के लिए सांस की तरह अति आवश्यक है।
जीवन इतना महत्वपूर्ण क्यों है? (Time = Life)
हमारा जीवन इतना महत्वपूर्ण क्यों है? (Time = Life) (What is the significance of Life?) जैसा कि आपको विदित है कि हम समय, योग्यता, धन के भंडारी हैं। परमेश्वर ने ही हमें ये सब कुछ दिया है। परमेश्वर का वचन हमें बताता है कि भंडारी में विश्वासयोग्यता होना अतिआवश्यक है।...
आप अपना मन कहाँ लगाते हैं?
क्योंकि एज्रा ने यहोवा की व्यवस्था का अर्थ जान लेने, और उसके अनुसार चलने, और इस्राएल में विधि और नियम सिखाने के लिये अपना मन लगाया था। – एज्रा 7:10
Study It (Know)
एज्रा ने अपना मन परमेश्वर के वचन का अर्थ जान लेने में लगाया, इसलिए उसने इसका अध्ययन किया। क्या आपके पास आज समय है परमेश्वर के वचन का अर्थ जानने के लिए, अर्थात इसके अध्ययन के लिए?
Practice It (Be)
एज्रा ने अपना मन परमेश्वर के वचन का अभ्यास करने में लगाया। उसने इसे सबसे पहले अपने जीवन में लागू किया। क्या आप भी वचन के अनुसार जी रहे हैं?
Teach It (Do)
एज्रा ने परमेश्वर के वचन को सिखाने में भी मन लगाया। अर्थात जिसका उसने अर्थ जाना, उसके बाद अपने जीवन में लागू किया तब जाकर दूसरों को भी सिखाया। क्या आप भी परमेश्वर के वचन को सिखा रहे हैं?