"मसीहत परमेश्वर के साथ एक रिश्ता है।"

आशा है कि यहां पर उपलब्ध संसाधन आपकी आत्मिक उन्नति के लिए सहायक उपकरण सिद्ध होंगे। आइए साथ में उस दौड़ को पूरा करें, जिसके लिए प्रभु ने हम सबको बुलाया है। प्रभु का आनंद हमारी ताकत है।

देने के बारे में बाइबल क्या सिखाती है?

देने के बारे में बाइबल क्या सिखाती है?

परमेश्वर के वचन के अनुसार देना प्राथमिक महत्व की बात है। जब हम उचित भावना के साथ देते हैं तब देना, लेने से अधिक धन्य हो जाता है। इन बातों को स्मरण रखें कि देना खुशी के साथ होना चाहिए। (2कुरिन्थियों 8:2) देने वाले चाहे निर्धन भी हों तो भी दिया जा सकता है। (2कुरिन्थियों 8:2-3) देने वाला अपनी हैसियत से बाहर भी दे सकता है। (2कुरिन्थियों 8:3) देना स्वेच्छा से होना चाहिए। (2कुरिन्थियों 8:3, 9:5) देना प्राप्त करने वालों के साथ संगति को बढ़ाता है। (2कुरिन्थियों 8:4)

read more
सलाह लेने के बारे में बाइबल क्या कहती है?

सलाह लेने के बारे में बाइबल क्या कहती है?

परमेश्वर हमें प्रोत्साहित करता है कि हम कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले सलाह लें। सम्मति को सुनना और शिक्षा को ग्रहण करना जरुरी है ताकि हम बुद्धिमान ठहरे। (नीतिवचन 19:20) हमें बुद्धि, सुझाव और विकल्प जान लेने के लिए सलाह लेनी चाहिए ताकि हम उतम निर्णय ले सकें। हमेशा याद रखें मसीही जीवन में सर्वोपरि अधिकार परमेश्वर के जीवते वचन को ही है। इसलिए इसको नियमित पढ़ने के लिए समय निर्धारित करें, ताकि आप सही वक़्त में उत्तम निर्णय ले सकें।

read more
जिम्मेदारी और काम (Responsibility And Work?)

जिम्मेदारी और काम (Responsibility And Work?)

बाइबल हमारे काम और जिम्मेदारी के बारे में क्या सिखाती है? (Responsibility And Work?) मसीह मेरे प्रिय, आशा करता हूँ कि आप प्रतिदिन अपने मसीही जीवन में उत्तरोतर बढ़ते जा रहे हैं। इस दुनियां में रहते हुए हमें धन की भी आवश्यकता होती है पर इसका अर्थ यह बिल्कुल भी नहीं है...

read more

आप अपना मन कहाँ लगाते हैं?

क्योंकि एज्रा ने यहोवा की व्यवस्था का अर्थ जान लेने, और उसके अनुसार चलने, और इस्राएल में विधि और नियम सिखाने के लिये अपना मन लगाया था। – एज्रा 7:10

Study It (Know)

एज्रा ने अपना मन परमेश्वर के वचन का अर्थ जान लेने में लगाया, इसलिए उसने इसका अध्ययन किया। क्या आपके पास आज समय है परमेश्वर के वचन का अर्थ जानने के लिए, अर्थात इसके अध्ययन के लिए?

Practice It (Be)

एज्रा ने अपना मन परमेश्वर के वचन का अभ्यास करने में लगाया। उसने इसे सबसे पहले अपने जीवन में लागू किया। क्या आप भी वचन के अनुसार जी रहे हैं?

Teach It (Do)

एज्रा ने परमेश्वर के वचन को सिखाने में भी मन लगाया। अर्थात जिसका उसने अर्थ जाना, उसके बाद अपने जीवन में लागू किया तब जाकर दूसरों को भी सिखाया। क्या आप भी परमेश्वर के वचन को सिखा रहे हैं?