"मसीहत परमेश्वर के साथ एक रिश्ता है।"
आशा है कि यहां पर उपलब्ध संसाधन आपकी आत्मिक उन्नति के लिए सहायक उपकरण सिद्ध होंगे। आइए साथ में उस दौड़ को पूरा करें, जिसके लिए प्रभु ने हम सबको बुलाया है। प्रभु का आनंद हमारी ताकत है।
क्यों एक मसीही को सुसमाचार से लज्जाना नहीं चाहिए?
क्यों एक मसीही को सुसमाचार से लज्जाना नहीं चाहिए? (What Does It Mean To Not Be Ashamed Of The Gospel?) पौलुस सुसमाचार (Gospel) से लज्जाता नहीं था? भला लज्जा या शर्म किस बात की? जब इस भ्रष्ट दुनियां में किसी को बुराई करने से लज्जा नहीं, झूठ फ़ैलाने में लज्जा नहीं आती तो...
प्रार्थना में क्या माँगें? (Give Me Prayer)
प्रार्थना में क्या माँगें? (Give Me Prayer) "मुझे दीजिए" प्रार्थना में परमेश्वर से क्या माँगें? आज हम फिर से प्रार्थना के बारे में बात करने जा रहे हैं। प्रार्थना में हम क्या मांगते है? यह बात बहुत मायने रखती है क्योंकि यह बात हमारी आत्मिक परिपक्वता को भी प्रदर्शित...
क्या सीखने के लिए प्रार्थना करें? (Teach Me Prayer)
क्या सीखने के लिए प्रार्थना करें? (Teach Me Prayer) आज के समय में बहुत से लोग प्रार्थना को तवज्जो नहीं देते हैं। अधिकतर मसीही लोग आज दुनियां की भीड़ में खोते ही जा रहे हैं। मसीही लोग अगर प्रार्थना करने प्रभु के पास आते भी हैं तो एक लंबी शॉपिंग लिस्ट लेकर। जिसे देखकर...
आप अपना मन कहाँ लगाते हैं?
क्योंकि एज्रा ने यहोवा की व्यवस्था का अर्थ जान लेने, और उसके अनुसार चलने, और इस्राएल में विधि और नियम सिखाने के लिये अपना मन लगाया था। – एज्रा 7:10
Study It (Know)
एज्रा ने अपना मन परमेश्वर के वचन का अर्थ जान लेने में लगाया, इसलिए उसने इसका अध्ययन किया। क्या आपके पास आज समय है परमेश्वर के वचन का अर्थ जानने के लिए, अर्थात इसके अध्ययन के लिए?
Practice It (Be)
एज्रा ने अपना मन परमेश्वर के वचन का अभ्यास करने में लगाया। उसने इसे सबसे पहले अपने जीवन में लागू किया। क्या आप भी वचन के अनुसार जी रहे हैं?
Teach It (Do)
एज्रा ने परमेश्वर के वचन को सिखाने में भी मन लगाया। अर्थात जिसका उसने अर्थ जाना, उसके बाद अपने जीवन में लागू किया तब जाकर दूसरों को भी सिखाया। क्या आप भी परमेश्वर के वचन को सिखा रहे हैं?