"मसीहत परमेश्वर के साथ एक रिश्ता है।"

आशा है कि यहां पर उपलब्ध संसाधन आपकी आत्मिक उन्नति के लिए सहायक उपकरण सिद्ध होंगे। आइए साथ में उस दौड़ को पूरा करें, जिसके लिए प्रभु ने हम सबको बुलाया है। प्रभु का आनंद हमारी ताकत है।

मसीही कब तक सरकार के नियमों को मानने के लिए बाध्य है?

मसीही कब तक सरकार के नियमों को मानने के लिए बाध्य है?

एक मसीही कब तक सरकार के नियमों को मानने के लिए बाध्य है? (The Christian and Government) क्या आप आज के समय में हमारे देश और दुनियां की दशा और दिशा के बारे में मूल्यांकन कर सकते हैं? क्या सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है? क्या देश के अगुवे या अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों के प्रति...

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क्या आत्मा से प्रचार करना एक खोई हुई कला है?

क्या आत्मा से प्रचार करना एक खोई हुई कला है?

क्या आत्मा से प्रचार करना एक खोई हुई कला है? यह लेख “Why Revival Tarries?” नामक पुस्तक में से लिया गया है। इसमें लियोनार्ड बताते हैं कि एक प्रचारक होने के नाते हमें अपने सन्देश के प्रति गंभीर होना होगा। आज कलीसिया में भीड़ जरुर दिखती होगी पर क्या वे...

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जागृति क्यों ठहरी हुई है? (Why Does Revival Tarry?)

जागृति क्यों ठहरी हुई है? (Why Does Revival Tarry?)

Why Does Revival Tarry? जागृति क्यों ठहरी हुई है? संसारिकता में खो न जाएं, बल्कि स्वर्गीय वस्तुओं की खोज में रहें। परमेश्वर की महिमा को न चुराएँ क्योंकि आपके पास जो कुछ भी योग्यता, धन-सम्पति, समय, परिवार, लोग इत्यादि दिया गया है, प्रभु के अनुग्रह से ही हैं। इसलिए नम्र बनें रहें। दिखावे का जीवन जीना छोड़ दें। अनंतकाल को मध्य नज़र रखते हुए जीवन बिताएं।

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आप अपना मन कहाँ लगाते हैं?

क्योंकि एज्रा ने यहोवा की व्यवस्था का अर्थ जान लेने, और उसके अनुसार चलने, और इस्राएल में विधि और नियम सिखाने के लिये अपना मन लगाया था। – एज्रा 7:10

Study It (Know)

एज्रा ने अपना मन परमेश्वर के वचन का अर्थ जान लेने में लगाया, इसलिए उसने इसका अध्ययन किया। क्या आपके पास आज समय है परमेश्वर के वचन का अर्थ जानने के लिए, अर्थात इसके अध्ययन के लिए?

Practice It (Be)

एज्रा ने अपना मन परमेश्वर के वचन का अभ्यास करने में लगाया। उसने इसे सबसे पहले अपने जीवन में लागू किया। क्या आप भी वचन के अनुसार जी रहे हैं?

Teach It (Do)

एज्रा ने परमेश्वर के वचन को सिखाने में भी मन लगाया। अर्थात जिसका उसने अर्थ जाना, उसके बाद अपने जीवन में लागू किया तब जाकर दूसरों को भी सिखाया। क्या आप भी परमेश्वर के वचन को सिखा रहे हैं?