परीक्षण और प्रलोभन में क्या अंतर है?

एक मसीही के लिए परीक्षण और प्रलोभन का उद्देश्य क्या है? (Difference Between Test and Temptation)

परीक्षण और प्रलोभन में क्या अंतर है? (Difference Between Test and Temptation) परीक्षण और प्रलोभन हमारे जीवन में क्यों आते हैं? कभी कभी हम अपने जीवन में काफी निराश हो जाते हैं, ऐसा अक्सर तब भी होता है जब हम कई बार परीक्षण और प्रलोभन में अंतर समझ नहीं पाते। प्रभु यीशु उनकी मदद कर सकते हैं जिनको प्रलोभन परोसा जाता है। (इब्रानियों 2:18)

परीक्षण (Test) क्या होता है?

किसी ने इस प्रकार कहा है कि परीक्षण वह साधन है जिसके माध्यम से विश्वास की वास्तविकता सिद्ध होती है और मसीही चरित्र का विकास होता है। परमेश्वर हर परीक्षण में हमारी मदद करता है। पर हमें परमेश्वर की परीक्षा कभी भी नहीं करनी चाहिए। (मती 4:7) परीक्षण हमेशा आपको ऊपर उठाने के लिए ही आता है।

परीक्षण आमतौर पर एक कठिन परिस्थिति होती है जो आपको चुनौती देती है। फिर चाहे ये हमारे विश्वास के संबंध में हो, या चरित्र के संबंध में या फिर हमारे संकल्प के संबंध में। परीक्षण हमें मजबूत बनाने और हमारे जीवन के कमजोर क्षेत्रों का निर्माण करने के लिए एक उपकरण होता है। परीक्षण विश्वास की वास्तविकता को साबित करता है। (1 पतरस 1:6-7) परीक्षण हमारे चरित्र का विकास करता है। (याकूब 1:2-4) परीक्षण हमें शुद्ध करने के लिए आता है। (जकर्याह 13:9)

परीक्षण और प्रलोभन में क्या अंतर है? (Difference Between Test and Temptation)
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बाइबल में से परीक्षण (Test) के कुछ उदाहरण:

  • अब्राहम को बलिदान के लिए बताया जाना। (उत्पत्ति 22:1-2, 9-12)
  • परमेश्वर ने इज़रायल को मरुभूमि में परखा। (व्यवस्थाविवरण 8:2-5)
  • परमेश्वर ने गिदोन की सेना को कम किया। (न्यायियों 7:1-8)
  • एलिशा का सेवक। (2 राजा 6:14-17)
  • अय्यूब। (1:22)
  • दानिय्येल। (1:8-21)
  • शद्रक मेशक और अबेदनगो। (दानिय्येल 3:16-27)
  • यीशु का देरी करना जब लाज़र बीमार था। (यूहन्ना 11:1-6)
  • प्रेरित। (5:27-29)
  • स्तिफनुस। (प्रेरित 7:59-60)
  • पौलुस। (2 कुरिन्थियों 4:7-9)

हम इस विषय में निश्चित नहीं हो सकते कि हमारा परीक्षण कैसे होगा। प्रत्येक विश्वासी एक दिन विश्वास की परीक्षा का सामना करेगा। पर याद रखिए उसकी योजनाएं हमेशा लाभ की ही होती है।

हमारे जीवन में परीक्षण (Test) का क्या उद्देश्य है?

जब हम नया नियम पढ़ते हैं तो हम मूल भाषा यूनानी में परीक्षण के लिए दो अलग अलग शब्दों का इस्तेमाल पाते हैं, और हम इन समानार्थी शब्दों को समझने के लिए आसानी से गलती कर सकते हैं।

  • एक शब्द dokimazo जिसका अर्थ है यह देखना कि कोई वस्तु असली है या नहीं। धातुओं के रूप में परीक्षण करना, जांचना या साबित करना। ये परीक्षण परमेश्वर की ओर से आता है।
  • दूसरा शब्द peirazo जिसका अर्थ है कमजोरी या असफलता दिखाने के लिए एक परीक्षण। ये शैतान की ओर से आता है। 

परमेश्वर को हम कभी भी लुभाते हुए नहीं पाते हैं। या हमारी असफलता को चाहना उसके उद्देश्य में हम बाइबल में कहीं भी नहीं पाते हैं। याकूब इसे स्पष्ट करता है:- जब किसी की परीक्षा हो यानी प्रलोभन तो वह यह ना कहे कि ये प्रलोभन परमेश्वर की ओर से है। क्योंकि परमेश्वर कभी भी प्रलोभन नहीं लाता है, और परमेश्वर बुराई के द्वारा प्रलोभन नहीं लाता है। (याकूब 1:13)

कभी कभी परमेश्वर का परीक्षण हमारे दिलों में अच्छाई या बुराई की खोज करने के लिए होता है। लेकिन उसका परीक्षण कभी भी बुराई के प्रति लुभाने के लिए नहीं होता। उदाहरण के लिए आप अब्राहम का परीक्षण देख सकते हैं। (इब्रानियों 11:17) और ये परीक्षण मरने के बाद भी होगा।

पौलुस हमें चेतावनी देते हुए कहता है कि हम आत्मिक घर में किस प्रकार का रद्दा रखते हैं। एक समय आएगा कि हर एक का काम प्रकट होगा और आग हर एक के काम को परखेगी कि उसका काम कैसा है। (1 कुरिन्थियों 3:12‭-‬13) ध्यान रहे यहां dokimazo शब्द का इस्तेमाल किया गया है।

आपके लिए परीक्षण के समय परमेश्वर के वायदे।

  • परमेश्वर परीक्षा में से निकालना जानता है। (2 पतरस 2:9)
  • यीशु ने प्रार्थना की है। (लूका 22:32)
  • परमेश्वर चाहता है कि हममें किसी बात की कमी ना रहे। (याकूब 1:2-4)

प्रलोभन (Temptation) क्या होता है?

प्रलोभन एक ऐसा दबाव है या अधर्मी प्रभाव है जो आपको पाप करने के लिए और परमेश्वर से दूर करने के लिए आता है। प्रलोभन आपको नीचे गिराने के लिए आता है। प्रलोभन एक ऐसी चीज है जो हमें पाप की ओर ले जाती है। प्रलोभन के केवल दो ही परिणाम होते हैं- पास होना या फेल होना, जीत या पाप। यीशु को प्रलोभन दिया गया था लेकिन उन्होंने कोई पाप नहीं किया।

बाइबल में से प्रलोभन (Temptation) के कुछ उदाहरण:

  • आदम और हव्वा। (उत्पत्ति 3:3-7)
  • एसाव। (उत्पत्ति 25:28-34)
  • दाऊद। (2 शमूएल 11:2-4)
  • पतरस। (मती 26:69-75)
परीक्षण और प्रलोभन में क्या अंतर है? (Difference Between Test and Temptation)
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प्रलोभन (Temptation) के स्रोत:

  • प्रलोभन कभी भी परमेश्वर की ओर से नहीं आता है। (याकूब 1:13)
  • हमारा पापी स्वभाव। (याकूब 1:14-15)
  • दूसरे लोग। (2 पतरस 2:18, नीतिवचन 5:3-6, उत्पत्ति 3:6)
  • शैतान और उसके अनुयाईयों के द्वारा। (1 कुरिन्थियों 7:5)
  • दुनियां (1 यूहन्ना 2:16), रुपए से प्रेम (1 तीमुथियुस 6:9-10), सामर्थ (व्यवस्थाविवरण 8:17-18), वासना (नीतिवचन 6:25, 7:21), घमंड (नीतिवचन 11:2)

कभी कभी यह बताना कठिन होता है कि हम परीक्षा का सामना कर रहे हैं या प्रलोभन का। क्योंकि संघर्ष की स्थिति हमेशा एक लेबल के साथ नहीं आती है। पर कुंजी तो प्रत्येक के, यानी परीक्षा और प्रलोभन के विभिन्न उद्देश्यों को जानना है।

प्रलोभन (Temptation) का उद्देश्य।

जब भी शैतान हमें परख करता है तो हमेशा peirazo होता है। यानी उसकी परीक्षा का लक्ष्य पाप के लिए लुभाना है। जिसको प्रलोभन कहा जाता है।

पौलुस व्यभिचार के डर से पति पत्नि को निर्देश देते हुए कहता है कि एक दूसरे से अलग ना रहो परंतु आपस की सम्मति से प्रार्थना के लिए भी समय निकालो। ऐसा ना हो कि शैतान तुम्हारे असंयम के कारण तुम्हें परखे। (1कुरिन्थियों 7:5) यहां peirazo शब्द का इस्तेमाल किया गया है।

प्रत्येक मामले में शैतान के प्रलोभन का एक ही उद्देश्य है और वो है हमारी विफलता।

प्रलोभन (Temptation) के समय परमेश्वर का उपाय।

परमेश्वर का धन्यवाद हो, जब भी शैतान हमें लुभाने और गिराने के लिए कोशिश करता है तो परमेश्वर हमें सहायता प्रदान करने के लिए कदम उठाता है। परमेश्वर विश्वासयोग्य है जो जरूर हमारी मदद करेगा। (1कुरिन्थियों 10:13) हर बार शैतान आपको पाप करने के लिए प्रेरित करेगा पर परमेश्वर हमेशा बच निकलने का रास्ता प्रदान करने के लिए कदम बढ़ाता है। प्रभु यीशु ने प्रलोभन के खिलाफ सफल होने के लिए हमारे सामने एक नमूना पेश किया है। याद रखिए पाप हमारे लिए ना पसंद बने और ना मज़बूरी।

परमेश्वर ने मनुष्य को स्वतंत्र इच्छा के साथ उत्पन्न किया है अर्थात मनुष्य चुनाव कर सकता है और परमेश्वर ने उसे चुनाव करने की योग्यता दी है। परमेश्वर चाहता है कि हम सही ढंग से चुनाव करें इसलिए परमेश्वर हमें विकल्प प्रदान करता है। यह इसलिए नहीं है कि अगर हम बुद्धिमानी इसे नहीं चुनते तो वह हमें दंडित करे। बल्कि परमेश्वर हमें अपने राज्य के सिद्धांतों को सौंपता है और देखता है कि हम कैसे प्रतिउत्तर देते हैं और कार्य करते हैं।

विश्वासयोग्यता इन परीक्षणों में उसके राज्य में पदोन्नति का मार्ग है।

क्योंकि परमेश्वर जानता है और हम पर वह करने के लिए विश्वास कर सकता है जो उसने हमें निर्देश दिए हैं। पैसा इस प्रकार के परीक्षण का एक अच्छा उदाहरण है। जैसा कि आप जानते ही है कि सब कुछ परमेश्वर का है, जगत और उसमें निवास करने वाले भी। इसलिए परमेश्वर देखता है कि हम धन का कैसे उपयोग करते हैं। या हम भरोसेमंद है कि नहीं।

यदि हम इस क्षेत्र में विश्वासयोग्य साबित होते हैं तो संभावना बढ़ जाती है कि वह हमें बोने के लिए अधिक बीज दे। (2 कुरिंथियो 9:10) यह इस दुनियां में अमीर बनने के लिए नहीं है इसके बजाय धन, हर अवसर में उदार बनने के लिए है। जिससे परमेश्वर को महिमा और धन्यवाद मिलता रहे। (2 कुरिंथियो 9:11)

परमेश्वर चाहता है कि हम ईश्वरीय स्वभाव के समभागी हो जाएं।

पतरस बताता है कि परमेश्वर की सामर्थ ने हमें प्रभु यीशु की पहचान के द्वारा वो सब कुछ दिया है जो कि जीवन और भक्ति से संबंध रखता है। और परमेश्वर ने हमें अपनी महिमा और सद्गुण के अनुसार बुलाया है।

परमेश्वर चाहता है कि हम ईश्वरीय स्वभाव के समभागी हो जाएं, क्योंकि उसने हमें बहुमूल्य और बड़ी प्रतिज्ञाएं दी हैं ताकि हम इन प्रतिज्ञाओं के द्वारा उस सड़ाहट से छूटें जो हमें संसार में बुरी अभिलाषाओं से होती है। (2 पतरस 1:3‭-‬4) परमेश्वर ने हमें हर चीज के लिए निर्देश दिया है ताकि हम इस दुनियां के बीच में एक अलग जीवन जी सकें।

इसलिए जब प्रलोभन (Temptation) आता है हम उसे पहचान सकते हैं और उसका विरोध कर सकते हैं और स्वतंत्र हो सकते हैं। (याकूब 4:7) जीवन की हर परिस्थिति के लिए उत्तर उसके जीवित वचन में है। (2 तीमुथियुस 3:16-17) परमेश्वर के वचन से हम जान सकते हैं कि उसकी क्या इच्छा है। हमें जीवन के लिए पूर्ण निर्देश दिए गए हैं। परमेश्वर ने अपने वचन के द्वारा यह हमारे लिए आसान बना दिया है कि हम परीक्षण और प्रलोभन में अंतर कर सकें। 

प्रलोभन कभी भी परमेश्वर की ओर से नहीं आता है, लेकिन परिक्षण जरूर परमेश्वर की ओर से आता है। परमेश्वर हमें पाप से लुभाएगा नहीं क्योंकि परमेश्वर भला है और उसमे कोई बुराई है ही नहीं। (याकूब 1:13) परमेश्वर हम पर सही चुनाव करने के लिए भरोसा रखता है।

उदाहरण के लिए व्यवस्थाविवरण 30:19 को देखें। परमेश्वर ने इजरायलियों को एक विकल्प दिया कि आज मैं आकाश और पृथ्वी को तुम्हारे सामने गवाह बनाता हूं, मैंने जीवन और मरण, आशीष और श्राप को तुम्हारे सामने रखा है। मैं चाहता हूं कि तू जीवन को ही अपना ले कि तू और तेरा वंश जीवित रहे। 

परमेश्वर के आज्ञाकारी बने रहें। Test हो या Temptation हमें हमेशा परमेश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए कि हम विजयी हों। (1 पतरस 4:19)

शालोम

नोट: हमारी हिंदी बाइबल के अनुवाद में प्रलोभन का अनुवाद भी परीक्षा किया गया है।

  1. धन्यवाद भाई आपने अच्छी तरह से परीक्षण और प्रलोभन में अंतर समझाया।

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Anand Vishwas
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