मसीही अगुवापन क्या है? (Christian Leadership)

What Is Christian Leadership?

मसीही अगुवापन क्या है? (What Is Christian Leadership?) अनुशासन के लिए अगुवापन की आवश्यकता होती है। बिना अगुवे के हम शिष्यों की कल्पना भी नहीं कर सकते। प्रभु यीशु ने अपने सभी अनुयायियों को एक अगुवे बनने के लिए, अपने राज्य के लोगों को प्रभावित करने के लिए बुलाया है। एक व्यक्ति जिस प्रकार का अगुवे होता है, वह उसी प्रकार का चेला बनाता है।

अगुवापन एक कार्य है जिसके द्वारा एक व्यक्ति जो लोग उसके साथ कार्य करते हैं, उनको एक उद्देश्य की पूर्णता के लिए प्रभावित करता है, उत्तेजित या उत्साहित करता है। किसी ने इस प्रकार से कहा की अगुवापन एक प्रभाव है।

एक अगुवा वो है जो रास्ते को जानता है, रास्ते में जाता है, और रास्ते को दिखाता है। – John C Maxwell

हमें अगुवापन के बारे में अध्ययन क्यों करना चाहिए?

क्योंकि कलीसिया में अगुवों की जरूरत है ताकि कलीसिया में लोगों को निर्देश दे सके, अगुवे अच्छे कार्य में निपुण होना चाहिए, अगुवों के अंदर अच्छे गुण होने चाहिए, अगुवों की संख्या भी कम है। हमें दूसरे अगुवों की अपेक्षा प्रभु की सेवकाई में आगे बढ़ना है।

एक अगुवा किसे कहते हैं?

एक अगुवा वो होता है जो आगे आगे चलता है, जो दिशा दिखाता है, जो निर्देश देता है, दूसरों को तैयार करता है, ग्रुप को आगे बढ़ाता है, प्रबंध करता है और प्रभावित करता है इत्यादि।

एक व्यक्ति अगुवा किस तरह बन सकता है?

एक अगुवा परमेश्वर द्वारा नियुक्त किया जाता है। संगठन के द्वारा चुना जाता है या किसी ग्रुप से निकलता है, एक अगुवा परमेश्वर के द्वारा चुना जाता है।

अच्छी अगुवाई (Leadership) के सही चिन्ह।

  • अपने समय का सही उपयोग।
  • अपने सहकर्मियों को तैयार करना।
  • उसके अंदर सच्चाई रहती है।
  • अपनी गलतियों से सीखता है।
  • दूसरों के लिए एक आदर्श बनता है।
  • मिलकर कार्य करने को प्रोत्साहित करता है।
  • उद्देश्य की और चीजों की प्राथमिकता को नियुक्त करता है।
  • एक अच्छा अगुआ हमेशा आगे बढ़ता है।
  • अपने आप को प्रोत्साहित करता है।
  • नैतिक रीति से वह साफ सुथरा रहता है।
  • लोगों के सामने चुनाव रखता है।

खराब अगुवाई (Leadership) के चिन्ह

मसीही अगुवापन क्या है? (What Is Christian Leadership?)
  • इस प्रकार का Leader लोगों को समझ नहीं पाता है।
  • वह लोगों पर शासन करना चाहता है।
  • खराब या कमजोर Leader कोई बदलाव नहीं चाहता है।
  • सोच विचार की कमी होती है।
  • यदि उसकी कमी बताई जाए तो वह रक्षात्मक रूप ले लेता है।
  • खतरा मोल नहीं लेना चाहता।

Christian Leader | मसीही अगुआ

जब उसका उद्धार हुआ हो, पापों की सजा से मुक्ति पाए रहता है। पापों से क्षमा पाया हुआ रहता है। Christian Leader पवित्र आत्मा की अगुवाई में चलता है। आत्मिक वरदान उसके जीवन में पाए जाते हैं। विश्वास के द्वारा जीने वाला होता है। अपने जीवन को परमेश्वर के हाथों में समर्पित करता है।

मसीही अगुवापन क्या है? (What Is Christian Leadership?)
Photo by Jon Tyson on Unsplash

वह पवित्र शास्त्र बाइबल यानी परमेश्वर के वचन को सबसे बड़ा अधिकार मानता है। Christian Leader, servant leadership प्रदान करता है। वह अपने समूह को तैयार करता है। प्रेम पूर्वक अगुवाई करता है। वह समय का अच्छा प्रबंध करता है। वह अपने दर्शन को जानता है अर्थात परमेश्वर के उद्देश्य को अपने जीवन में जानता है और उसको पूरा करने के लिए प्रयत्नशील रहता है। वह Kingdom Mindset के साथ जीता है।

एक मसीही अगुवे की प्राथमिकताओं का क्या क्रम होना चाहिए?

  • परमेश्वर
  • परिवार
  • कलीसिया
  • स्वयं
  • पड़ोसी

अगुवे किस तरह के होते हैं?

  • Self motivated या स्वयं संचालित।
  • सारे निर्देश खुद बनाता है
  • Time Table निर्धारित करता है, अर्थात समय का सदुपयोग करता है।
  • प्रेम पूर्वक अगुवाई करता है।

दूसरी तरह का अगुवा

  • वह किसी की भी बात नहीं सुनता है।
  • वह कभी भी चीजों को नहीं जानता है।
  • किसी की भावनाओं को नहीं समझता है।
  • दूसरे अगुवों को तैयार करने में असमर्थ रहता है।
  • Authority Release नहीं करता है, जिससे दूसरे Leaders तैयार नहीं होते हैं और कार्य बहुत धीमे चलता है।

तीसरी तरह का अगुवा

वह एक प्रकार का लोकतांत्रिक अगुआ होता है। पूरी तरह से अधिकार नहीं चलाता है। ग्रुप के द्वारा अधिकार करता है। वह खुद निर्णय नहीं लेता है और ग्रुप को दिशा निर्देश देता है और मिलकर सारी सूचनाएं अपने लोगों को देता है। इस प्रकार से Leadership में अनुशासन करने में कठिनाई होती है।

अगुवापन के लिए कीमत।

आत्म त्याग, अकेलापन, थकावट, आलोचना, इनकार , दबाव और दुविधा, दूसरों के लिए कीमत। (Mark 10:38)

Bible के अनुसार एक अच्छे अगुवे के गुण।

भले कामों की इच्छा रखने वाला, निर्दोष, एक ही पत्नी का पति, संयमी, सुशील, सभ्य, अतिथि सत्कार करने वाला, सिखाने में निपुण, कोमल (शराबी या मारपीट करने वाला ना हो) झगड़ालू ना हो, धन का लोभी ना हो, परिवार का अच्छा प्रबंधक, नया चला भी ना हो, घमंडी ना हो, बाहर वालों में सुनाम हो इत्यादि। (1 Timothy 3:1-7, 8-13, Titus 1:6-9)

शालोम

  1. अगुवापन के बारे में इस पोस्ट में हम बहुत सी बातों को सीख सकते हैं।

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Anand Vishwas
Anand Vishwashttps://disciplecare.com
आशा है कि यहां पर उपलब्ध संसाधन आपकी आत्मिक उन्नति के लिए सहायक उपकरण सिद्ध होंगे। आइए साथ में उस दौड़ को पूरा करें, जिसके लिए प्रभु ने हम सबको बुलाया है। प्रभु का आनंद हमारी ताकत है।

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