बपतिस्मा क्या है? बपतिस्मा कब और क्यों लेना चाहिए?

बपतिस्मा क्या है? (What Is Baptism?) बपतिस्मा कब और क्यों लेना चाहिए?

Posted by Anand Vishwas

June 1, 2020

बपतिस्मा क्या है? (What Is Baptism?) बपतिस्मा कब और क्यों लेना चाहिए? बपतिस्मा एक ऐसा विषय है जिसके बारे में मसीहत में कई प्रकार की शिक्षाएं पाई जाती हैं और कई मान्यताएं भी। आशा करता हूं कि आज इस लेख के द्वारा आप समझ पाएंगे कि Baptism आखिर है क्या? मसीही कलीसिया कई प्रकार के बपतिस्मा मानती आ रही है, परन्तु बपतिस्मा का सही सत्य और असली माने क्या है?

कुछ लोग मानते हैं कि यह एक विधि है मसीही जीवन में प्रवेश करने के लिए, तो कुछ लोगों का मानना ऐसा भी है कि बपतिस्मा लेने के द्वारा एक व्यक्ति अपना धर्म बदल देता है। लोग चाहें कुछ भी क्यों न कहें लेकिन इससे सच्चाई पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। मसीहत में बपतिस्मा लेने के पीछे क्या कारण हैं, इसको जानने के लिए हमें परमेश्वर के वचन के समीप आना होगा और बपतिस्मा के उद्देश्य को समझना होगा।

मान्यताएं और बाइबल।

मसीहत में भी कई लोगों का मानना है कि Baptism द्वारा पापों की क्षमा प्राप्त होती है, कुछ लोगों का मानना है कि यदि बपतिस्मा हो गया तो मैं एक सिद्ध व्यक्ति बन जाऊंगा और अगर मैं बपतिस्मा ले लूँगा तो नशे के सेवन से बच जाऊंगा, या मेरे मन में कोई गलत विचार नहीं आयेंगे इत्यादि। प्रेरितों की पुस्तक 2:37-38, 22:16 से कुछ मसीही लोग बताते हैं कि इसके द्वारा पापों की क्षमा प्राप्त होती है। ध्यान दें, उन्होंने पापों की क्षमा के लिए बपतिस्मा नहीं लिया बल्कि यह प्रकट करने के लिए बपतिस्मा लिया कि अब यीशु मसीह में उनके पाप क्षमा होते हैं।

वास्तव में बपतिस्मा लेना पापों की क्षमा के लिए नहीं है पर यह घोषणा करना है कि यीशु में मेरे सारे पाप क्षमा हुए हैं।

बपतिस्मा पापों की क्षमा के लिए नहीं लिया जाता है पर प्रभु यीशु पर विश्वास करने के बाद जीवन में हुए परिवर्तन का बाहरी प्रमाण है या यूं कहें भीतरी परिवर्तन का बाहरी प्रकटीकरण। 

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वास्तव में बपतिस्मा पापों की क्षमा के लिए नहीं लिया जाता बल्कि यह घोषणा करना है कि प्रभु यीशु मसीह में मेरे सारे पाप क्षमा हुए हैं। 

वास्तव में बपतिस्मा मन में हुए परिवर्तन का बाहरी प्रकटीकरण है।

मरकुस 16:16 के अनुसार कुछ लोगों का मानना है कि बपतिस्मा लेने से उद्धार मिलता है। अगर सिर्फ बपतिस्मा से ही उद्धार होता तो कल्पना करिए जो व्यक्ति प्रभु यीशु मसीह के बगल में क्रूस पर लटका हुआ था, जिसने यीशु मसीह पर उसी वक्त विश्वास किया और अपने पापों से पश्चाताप किया; उसने तो कोई बपतिस्मा ही नहीं लिया? उससे तो प्रभु यीशु ने कहा कि “तू आज ही मेरे साथ स्वर्ग में होगा” तो फिर हम इसका निष्कर्ष क्या निकालें?

उद्धार सिर्फ मनफिराव और यीशु पर व्यक्तिगत विश्वास के द्वारा ही होता है।

इससे हम आसानी से यह निष्कर्ष पर पहुँच सकते हैं कि उद्धार प्राप्त करने के लिए पश्चाताप और प्रभु यीशु पर विश्वास की आवश्यकता होती है। उद्धार सिर्फ मन फिराने के द्वारा और प्रभु यीशु मसीह पर व्यक्तिगत विश्वास के द्वारा ही होता है, न की सिर्फ बपतिस्मा लेने से। 

बपतिस्मा क्या है?

सबसे पहले हमें बपतिस्मा शब्द के अर्थ को समझना होगा। बपतिस्मा शब्द की उत्पत्ति ग्रीक भाषा के शब्द “Baptizo” से हुई है जिसका मतलब होता है, डुबकी लगाना।

बपतिस्मा किसने स्थापित किया?

बपतिस्मा किसी आदमी के द्वारा स्थापित कोई विधि या नियम नहीं है, बल्कि इसकी स्थापना स्वयं परमेश्वर ने की है। उसी ने यूहन्ना को बपतिस्मा देने की आज्ञा दी। (यूहन्ना 1:33) अब यही आज्ञा हर एक विश्वासी के लिए है कि वो भी जाए, सब लोगों को प्रभु यीशु के शिष्य बनायें और उन्हें पिता, पुत्र, पवित्रात्मा के नाम से बपतिस्मा दें। (मती 28:19)

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प्रभु यीशु मसीह को स्वयं बपतिस्मा लेने की कोई आवश्यकता नहीं थी फिर भी उन्होंने परमेश्वर के द्वारा स्थापित धार्मिकता को पूरा करने के लिए एक नमूना पेश किया। (मती 3:13-15, मरकुस 1:9-11)

डुबकी का बपतिस्मा क्यों?

जैसा कि हमने पहले बात किया है कि Baptism का अर्थ होता है, डुबकी लगाना। स्वयं प्रभु यीशु मसीह का बपतिस्मा एक डूब का बपतिस्मा था। (मती 3:16) फिलिप्पुस का बपतिस्मा डूब का बपतिस्मा था। (प्रेरितों 8:26-39) यूहन्ना का बपतिस्मा डूब का बपतिस्मा था। (यूहन्ना 3:22-23, मरकुस 1:5, मती 3:6, लूका 3:7, 16)

बपतिस्मा का उद्देश्य?

जब कोई बपतिस्मा लेता है तो वह प्रभु की मनसा को पूरी करता है। बपतिस्मा परमेश्वर के उद्देश्य को अपने जीवन में स्वीकार करना है। (लूका 7:29-30) बपतिस्मा प्रभु का दिया हुआ एक आदेश है। बपतिस्मा मसीह के साथ मारे जाने गाड़े जाने और फिर भी उठने के चिन्ह के रूप में लिया जाता है। बपतिस्मा लेना भी और देना भी प्रभु की आज्ञा है। बपतिस्मा का अर्थ है प्रभु यीशु मसीह के साथ जुड़ना, प्रभु यीशु मसीह के साथ मरना, गाड़ा जाना और उसके साथ जी उठना। (रोमियो 6:3-6, कुलुस्सियों 2:12)

परमेश्वर के वचन के अनुसार बपतिस्मा धार्मिकता को पूरा करना है। (मती 3:15) पतरस कहता है कि बपतिस्मा शरीर के मैल को दूर करने के लिए नहीं लिया जाता बल्कि इसलिए लिया जाता है कि अब हम हमने अपने आपको परमेश्वर के अधीन कर दिया है या समर्पित कर दिया है। (1 पतरस 3:21)

बपतिस्मा प्रभु यीशु मसीह के ऊपर विश्वास करने के बाद आज्ञाकारिता का पहला कदम है, क्योंकि बपतिस्मा लेना और देना प्रभु यीशु मसीह की आज्ञा है। (मती 28:18-19) जिससे यह भी आसानी से देखा जा सकता है कि व्यक्ति सच में परमेश्वर के उपाय पर विश्वास करता है और उसके पीछे चलने के लिए तैयार है।

बपतिस्मा पापों को धो डालने के चिन्ह के रूप में लिया जाता है। (प्रेरितों 22:16) बपतिस्मा प्रभु यीशु को पहन लेने के और मसीह के साथ एक देह होने के चिन्ह के रूप में भी लिया जाता है। (गलातियों 3:27, 1 कुरिन्थियों 12:13)

बपतिस्मा कब लेना चाहिए?

जैसे ही कोई व्यक्ति अपने पापों को स्वीकार कर परमेश्वर की योजना पर विश्वास करता है और प्रभु यीशु को अपना व्यक्तिगत उद्धारकर्ता स्वीकार करता है। प्रेरितों 2:38 में आप देख सकते हैं कि जिन्होंने भी मन फिराया था उन्होंने उसी दिन बपतिस्मा लिया जिस दिन मन फिराया और प्रभु यीशु मसीह को ग्रहण किया। प्रेरितों 8:36-38 में खोजा ने उसी दिन बपतिस्मा लिया, जिस दिन उसने प्रभु यीशु मसीह को जाना। शाउल ने भी जैसे ही विश्वास किया वैसे बपतिस्मा लिया। (प्रेरितों 9:17-18)

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प्रेरितों 10:44-48 में हम कुरनेलियुस के घराने को पाते हैं जैसे ही उन्होंने प्रभु यीशु पर विश्वास किया उन्होंने बपतिस्मा ले लिया। लुदिया और उसके घराने ने बपतिस्मा लिया जैसे उन्होंने यीशु पर विश्वास किया। (प्रेरितों 16:13-15) 

जेलर के घराने ने तो आधी रात को बपतिस्मा लिया जैसे ही उन्होंने विश्वास किया। (प्रेरितों 16:31-33) अप्पुलोस के साथ और विश्वासियों ने बपतिस्मा लिया जैसे ही उन्होंने इसका अर्थ जाना। (प्रेरितों 19:5)

बपतिस्मा के विषय बाइबल अध्ययन।

संदर्भकिसने दिया? किसने लिया? कब लिया?
 प्रेरितों के काम 2:38 पतरस और अन्य चेलों ने जिन्होंने मन फिराया उसी दिन जिस दिन मन फिराया, यीशु को ग्रहण करें
प्रेरितों के काम 8:36-38 फिलिप्पुस ने खोजा जैसे ही उसने सारे मन से विश्वास किया कि यीशु मसीह परमेश्वर का पुत्र है।
 प्रेरितों के काम 9:17-18 हनन्याह शाऊल (पौलुस) जैसे ही उसने यीशु को ग्रहण किया।
 प्रेरितों के काम 10:44-48 पतरस के साथ आए विश्वासियों ने, पतरस ने उन्हें आज्ञा दी। (प्रेरितों के काम 10:48, 11:12) कुरनेलियुस के घर में रहने वाले सभी लोग जैसे ही उन्होंने विश्वास किया
 प्रेरितों के काम 16:13-15 पौलुस, सीलास, लूका, तिमुथियुस लुदिया और उसके घराने ने जब उसने विश्वास किया
  प्रेरितों के काम 16:31-33 पौलुस, सीलास जेलर और उसके घराने ने जैसे ही उन्होंने विश्वास किया, रात में ही।
 प्रेरितों के काम 19:5 पौलुस, प्रिसकिल्ला और अक्विला अपुल्लोस और विश्वासी जैसे ही उन्होंने बपतिस्मा का अर्थ जाना
बपतिस्मा (Baptism) के विषय बाईबल अध्ययन

आज कई लोग अपनी सुविधा के अनुसार बपतिस्मा के लिए एक तारीक तय करते हैं और कुछ मसीही इसके लिए 1 जनवरी का दिन तय करते हैं क्योंकि उनके लिए नववर्ष शुरू हो रहा है, शायद ऐसा वो इसलिए करते हैं क्योंकि अभी तक दिनों, नियत पर्वों वाली मान्यता उनके जीवन से गई नहीं है। जिस वजह से परमेश्वर की आज्ञा की अवहेलना करते हैं और मनुष्य को प्रसन्न करने के लिए प्रयास करते हैं।

याद रखिए देरी से आज्ञापालन भी अनाज्ञाकारिता ही कहलाता है। अगर सच में कोई प्रभु के ऊपर विश्वास करता है तो मुझे लगता है कि उसे देरी नहीं करना चाहिए। (प्रेरितों 22:16)

अगर हम सच में यीशु में विश्वास करते हैं तो हम बपतिस्मा ले सकते हैं। बहुत से लोगों का मानना है कि हम जब सिद्ध हो जाएंगे तब बपतिस्मा ले लेंगे या जब हमें 6 महीने या साल हो जाएगा तब Baptism ले लेंगे। लेकिन परमेश्वर का वचन हमें स्पष्ट बताता है कि अगर हम विश्वास करते हैं तो हमें बपतिस्मा ले लेना चाहिए।

मन फिराने और विश्वास करने के बाद बपतिस्मा हमारा पहला कदम है आज्ञाकारिता का। बपतिस्मा में देरी मतलब परमेश्वर की आज्ञापालन में देरी। इसका ये भी साफ मतलब है कि हमें अभी परमेश्वर के ऊपर विश्वास ही नहीं है।

अगर आप भी ये सोच रहे हैं तो आपको अपने विचार बदलने होंगे क्योंकि विश्वास के बिना आप परमेश्वर को प्रसन्न नहीं कर सकते हैं, क्योंकि परमेश्वर के पास आने वाले को विश्वास करना चाहिए कि परमेश्वर है, और परमेश्वर खोजने वाले को प्रतिफल देता है। (इब्रानियों 11:6)

बपतिस्मा लेना एक व्यक्ति का व्यक्तिगत निर्णय है कि वो अब बाकि का जीवन प्रभु यीशु का अनुसरण करना चाहता है। बपतिस्मा लेना एक चुनाव करना है कि वह व्यक्ति अब अपने जीवन में प्रभु यीशु को प्राथमिकता देगा और उनकी आज्ञाकारिता में अपना बाकि का जीवन बिताएगा। अब आपके बारे में क्या है?

उठो और बपतिस्मा लेकर अपने पापों को धो डालो, देर मत करो। प्रेरितों 22:16

शालोम

5 Comments

  1. Vinod Kumar

    सही बात है हमें बपतिस्मा के बारे में जानकारी होना चाहिए कई विश्वासी लोग हैं जिन्हें सालों साल होते हैं परमेश्वर में पर वह अभी तक नहीं जानते बपतिस्मा के बारे में

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  2. Shyam Kaushal

    Very useful teaching about Baptism.Thank you

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  3. Kiran

    Hanji yeh baat sach hai.
    Mere 1 bhai hai unohne bhi baptism nahi liya.
    Kehte hai chelo ne nahi liya to hum Kyu le…
    Aap unke liye pray kare
    Ki baptism k baare me ve samjhe or jald se jald baptism le.

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    • Jp

      Good teaching…

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  4. Anand

    Jarur Sister Ji, Prabhu un bhai ki jarur sahayta karenge. Jai Masih.

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anandvishwas

Anand Vishwas

आशा है कि यहाँ पर उपलब्ध संसाधन आपकी आत्मिक उन्नति के लिए सहायक उपकरण सिद्ध होंगे। आइए साथ में उस दौड़ को पूरा करें, जिसके लिए प्रभु ने हमें बुलाया है।