यीशु और जक्कई से जीवन के सबक? (Life Lessons from Jesus and Zacchaeus) प्रभु यीशु के साथ जक्कई की मुलाकात का क्या परिणाम हुआ और हम इससे क्या सीख ले सकते हैं? जक्कई का प्रभु यीशु से मिलने के बाद धन के प्रति रवैया क्यों बदल गया?
पिछले विषय में हमने बात किया था कि प्रभु यीशु ने न सिर्फ अपने 12 चेलों को एक संबंध में बुलाया पर जिन लोगों ने प्रभु यीशु के साथ थोड़ा सा भी समय बिताया उनका जीवन भी बदल गया।
उदाहरण के लिए हमने कल बात किया था नीकुदेमुस के बारे में, जो कि एक प्रतिष्ठित व्यक्ति था पर फिर भी उसके पास कुछ प्रश्न थे। जिसके लिए वो प्रभु यीशु के पास रात को मिलने आया, और प्रभु यीशु का अनुयाई बन गया।
आज हम बात करेंगे जक्कई (Zacchaeus) के बारे में, जिससे लोग कर वसूलने के काम के कारण घृणा करते थे। उसकी भी प्रभु यीशु के साथ जीवन परिवर्तित करने वाली मुलाकात हुई थी। (लूका 19:1-10)
चुंगी लेने वालों का मुखिया होने की वजह से जक्कई (Zacchaeus) शायद यरीहो के सबसे धनवान व्यक्तियों में से एक रहा होगा। वचन भी बताता है कि वह धनी था। वह प्रभु यीशु के विषय में काफी उत्सुक था। वह प्रभु यीशु को देखना चाहता था। हो सकता है कि जक्कई ने उस अंधे भिखारी के बारे में सुना हो जिसे प्रभु यीशु ने चंगा किया था। (लूका 18:35-43) यीशु ने यह चमत्कार उस समय किया था जब वह यरीहो में प्रवेश करने वाला था।
तभी शायद ये प्रभु यीशु को देखने के लिए उत्सुक था। पर समस्या यह थी कि वह एक छोटे कद का व्यक्ति था और दूसरी ओर प्रभु यीशु हर वक़्त भीड़ से गिरे रहते थे, इसलिए यह प्रभु यीशु को देखने में असमर्थ था। पर चतुर होने के कारण उसने एक पेड़ देखा और यीशु को देखने के लिए पेड़ पर चढ़ गया।
आगे जो भी हुआ उसने जक्कई के जीवन को पूरी तरह से बदल कर रख दिया।
प्रभु यीशु भी जब उस रास्ते से आए तो पेड़ के नीचे पहुंचने पर जक्कई को आवाज लगाई, कि जक्कई झट उतर आ क्योंकि आज मुझे तेरे घर में रहना अवश्य है।
जक्कई कितना खुश हुआ होगा जब प्रभु यीशु ने उसको नाम लेकर बुलाया और उसके घर जाने की इच्छा जाहिर की। जबकि जक्कई तो प्रभु यीशु तो सिर्फ प्रभु यीशु को देखना चाहता था। शायद इस बात ने भी जक्कई को प्रभावित किया होगा कि प्रभु उसका नाम भी जानता है।
फिर क्या था जक्कई पेड़ से उतरा और प्रभु यीशु को अपने घर ले गया। हालांकि यह बात कुछ लोगों को रास नहीं आई और कुड़कुड़ाकर कहने लगे अरे! ये तो एक पापी व्यक्ति के घर जा रहा है। शायद वे इस बात को भूल गए थे कि हर एक व्यक्ति पापी है।
साथ ही साथ ये भी भूल गए थे कि वो प्रभु है और किसी के साथ भी पक्षपात नहीं करता है। क्योंकि वो धर्मियों और पापियों दोनों को सूरज की रोशनी देता है और सभी पर मेह भी बरसाता है, (मती 5:45-46) साथ ही साथ सभी को बिना किसी पक्षपात के ऑक्सीजन भी मुहैया करवाता है।
फिर क्या था, प्रभु यीशु ज्यों ही जक्कई के घर पहुंचे त्यों ही जक्कई ने पूरी पब्लिक के सामने ये घोषणा कर दी कि हे प्रभु, आज मैं अपनी आधी सम्पत्ति कंगालो को देता हूं, और यदि किसी का कुछ भी अन्याय करके ले लिया है तो उसे मैं चार गुना लौटा देता हूं।
मैं विश्वास करता हूं कि सभी लोग उस बदलाव को देखकर हैरान हो गए होंगे जो उसको जानते थे। कितना अद्भुत है न! जक्कई की थोड़ी देर की प्रभु यीशु के साथ मुलाकात ने जक्कई का पूरा जीवन ही बदल डाला।
और प्रभु यीशु ने धरती पर आने का अपना उद्देश्य भी बताया। कि वह इस दुनियां में जो खो गए हैं उनको ढूंढने आया और उनका उद्धार करने आया। (लूका 19:10)
कितना अद्भुत है न? ठीक इसी प्रकार जब प्रभु यीशु मसीह हमारे जीवन में आता है तो जीवन परिवर्तन अवश्य होता है। अर्थात जो लोग अपने पापों का अंगीकार करते हैं और यीशु को प्रभु जानकर विश्वास करते हैं उनका जीवन पूरी तरह से बदल जाता है।
हो सकता है कि प्रभु यीशु से मुलाकात से पहले आपका जीवन भी कुछ ऐसा ही होगा, अर्थात आप नश्वर धन के लिए लोगों को और परमेश्वर को धोखा देते होंगे। पर जैसे ही आप के जीवन में प्रभु यीशु का आगमन हुआ आपका धन के प्रति नजरिया ही बदल गया।
हम जब अपने जीवन में परमेश्वर के किए कामों को देखते हैं तो उन बदलावों के प्रतिउत्तर में धन्यवाद के सिवाय हमारे पास कुछ भी नहीं होता है। और आप पूरे जीवन भर परमेश्वर का धन्यवाद करते रहते हैं। और अपने जीवन को उसके हाथों में सौंप कर उसका अनुसरण करते हैं। जिसको कुछ बुद्धिजीवी लोग धर्मपरिवर्तन की संज्ञा भी देते हैं।
- आज आपके जीवन में जो भी बदलाव है, आप उसके लिए परमेश्वर के कितना धन्यवादी हैं?
- आप कितने आनंदित हैं कि प्रभु यीशु ने आपको ढूंढ लिया है?
- क्या अभी आपके पास थोड़ा समय है? कि आप उस परमेश्वर का धन्यवाद दें जिसने आपको खोजा और बचाया।
क्या आज आप उन बदलावों को दूसरों के साथ बांटने के लिए तैयार हैं? यदि हां, तो आप नीचे कमेंट सेक्शन में हमारे साथ भी उन बदलावों को साझा कर सकते हैं जो आपके जीवन में प्रभु यीशु ने किए हैं।
प्रभु का धन्यवाद हो कि उसने हमें ढूंढा और बचा लिया।
शालोम