प्रभु यीशु दुनियां में क्यों आए? (Why Jesus Came?) एक सार्थक मसीही जीवन जीने के लिए यह जानना और समझना महत्वपूर्ण है कि प्रभु यीशु दुनियां में क्यों आए? जब हम इस बात को समझ जाएंगे तो प्रभु यीशु मसीह का अनुसरण करना हमारे लिए आसान हो जाएगा।
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पवित्रशास्त्र बाइबल के अनुसार प्रभु यीशु मसीह एक उद्देश्य के साथ इस दुनियां में आए। यदि प्रभु यीशु मसीह उद्देश्य के साथ इस दुनियां में आए तो निम्नलिखित उद्देश्य हमारे उद्देश्यों से कैसे भिन्न हो सकते हैं? पवित्रशास्त्र बाइबल में से हमें यह मालूम होता है कि यीशु मसीह इस दुनियां में क्यों आए? उनका आने का मुख्य कारण क्या था?
आइए आज इस लेख के द्वारा जाने कि प्रभु यीशु मसीह इस दुनियां में क्यों आए? यह तो आप जानते ही हैं कि सृष्टिकर्ता परमेश्वर ने इस दुनियां में ऐसी कोई वस्तु नहीं बनाई जिसका उद्देश्य नहीं है। अगर यह बात सत्य है तो प्रभु यीशु मसीह के आने का और हमारे धरती पर जीवन के लिए भी उतना ही सत्य है।
प्रभु यीशु मसीह दुनियां को बचाने आए।
सर्वप्रथम हम देखेंगे कि वास्तव में यीशु मसीह का दुनियां में आने का क्या कारण था? यूहन्ना 3:16-17 के अनुसार प्रभु यीशु मसीह दुनियां को बचाने के लिए इस जगत में आये ताकि हमारा उद्धार हो जाए और हम नाश न हो क्योंकि परमेश्वर हमसे प्रेम करते हैं।
जी हां, प्रभु यीशु मसीह हमें उद्धार, छुटकारा मोक्ष या अनंत जीवन देने के लिए इस दुनियां में आए ताकि हम नाश न हों। परमेश्वर ने मनुष्य को अपनी समानता व स्वरूप में बनाया था, ताकि हम परमेश्वर के साथ उस संबंध का आनंद लें जिसके लिए उसने हमें बनाया था। पर मनुष्य की अनाज्ञाकारिता की वजह से मनुष्य पापी हो गया और पवित्र परमेश्वर से अलग हो गया। अर्थात पाप और विद्रोह के द्वारा वह संबंध तोड़ दिया गया जिसके लिए हमें बनाया गया था।
परमेश्वर प्रेमी और न्यायी परमेश्वर है, इसलिए उन्होंने एक योजना को तैयार किया ताकि हमारा उद्धार हो जाए, उसने हमारे पापों के लिए अपने आपको बलिदान कर दिया ताकि उस पर विश्वास करने के द्वारा हमारा उद्धार हो। प्रभु यीशु पूरी दुनियां को बचाने के लिए आए, सिर्फ एक देश या जाति या समूह के लिए नहीं। (प्रेरितों के काम 1:8)
यह एक दुख की बात है कि आज कई मसीही, मसीही समूह और कलीसिया ने खुद को एक विशेष भौगोलिक क्षेत्र तक सीमित कर दिया है। यदि प्रभु यीशु मसीह पूरी दुनियां को बचाने के लिए आए तो हम सिर्फ अपने घर, शहर और देश के बारे में ही कैसे सोच सकते हैं? हमारे देश और अन्य देशों में लाखों लोगों को सुसमाचार सुनने का अभी तक अवसर नहीं मिला है। परमेश्वर उन से भी प्रेम करते हैं।
आज ही अपनी कलीसिया, अपने क्षेत्र के बाहर भी सुसमाचार सुनाने के लिए कदम उठाएं।
प्रभु यीशु मसीह पिता की इच्छा को पूरी करने आए।
यूहन्ना 6:38 में इस प्रकार लिखा है मैं अपनी इच्छा नहीं परन्तु अपने भेजने वाले की इच्छा पूरी करने के लिए स्वर्ग से उतरा हूं। यीशु के लिए परमपिता परमेश्वर की इच्छा क्रूस था। प्रभु यीशु मसीह अपनी मर्जी से क्रूस पर चढ़े और उन्होंने कहा, पिता मेरी नहीं परंतु तेरी इच्छा पूरी हो।
क्या आज आप अपने जीवन के लिए परमेश्वर की इच्छा को जानते हैं? परमेश्वर का वचन, पवित्रशास्त्र बाइबल हमें अपने जीवन के लिए परमेश्वर की इच्छा खोजने में मदद करेगी। आइए, इसे खोजें और जीएं।
प्रभु यीशु मसीह दुनियां में सेवा करने आए।
मती 20:28 के अनुसार प्रभु यीशु सेवा टहल करवाने नहीं पर सेवा करने के लिए आए थे। उनका यही उद्देश्य था कि बहुतों की छुड़ौती के लिए अपने प्राण दे। कई लोग प्रभु यीशु मसीह के पास आए, प्रभु यीशु मसीह उनसे यही कहते थे कि मैं तुम्हारे लिए क्या करूं? यह प्रभु यीशु का एक सेवक का रवैया था। प्रभु यीशु को सेवा करने में आनंद आता था।
मती 25 में यीशु ने हमें भी सिखाया कि हम भी उनकी सेवा कैसे कर सकते हैं जो जरूरत में है। हमें भी सेवा करने के लिए सृजा गया है। (इफिसियों 2:10) हमारे लिए भी परमेश्वर की यही इच्छा है कि हम भी अपने जीवन में भले कामों को करें क्योंकि परमेश्वर की हमारे जीवन के लिए भी यही इच्छा है कि हम भी एक सेवक बनकर जीएं। परमेश्वर के प्रति हमारा प्यार तब प्रदर्शित होता है जब हम लोगों से प्यार करते हैं और उनकी सेवा करते हैं।
अपने आप से पूछें कि मैं कैसे अपने प्रतिदिन के जीवन में लोगों की सेवा कर रहा हूं?
प्रभु यीशु मसीह खोए हुओं को ढूंढने और बचाने के लिए आए।
प्रभु यीशु मसीह दुनियां में खोए हुओं को ढूंढने और उनका उद्धार करने के लिए आए। (लूका 19:10) पौलुस भी इसी बात में सहमत होते हुए कहता है कि प्रभु यीशु मसीह पापियों का उद्धार करने के लिए दुनियां में आया। (1 तीमुथियुस 1:15) प्रभु यीशु मसीह, चुंगी लेने वाले और पापी लोगों के साथ बैठा करते थे तभी तो शास्त्री और फरीसी भी उन पर यह दोष लगाया करते थे कि यह तो पापी लोगों के साथ खाता-पीता है। (मरकुस 2:17) इस पर यीशु ने यह कहा कि “मैं पापियों को बुलाने आया हूं।” (लूका 5:32)
क्या खो गया था? – अदन के बगीचे में मानवजाति ने अवज्ञा के कारण सिर्फ अपना अनंत जीवन नहीं खोया था बल्कि अपना सब कुछ खोया था, परमेश्वर के साथ संगति, अन्य मनुष्यों के साथ संगति, दुनियां पर अधिकार, मन की शांति, आनंदमय और संतुष्टि वाला जीवन, उनका स्वास्थ्य इत्यादि। सब कुछ जो परमेश्वर ने मनुष्य को सौंपा था वह शैतान के हाथों में चला गया था।
इसलिए प्रभु यीशु मसीह सब कुछ वापस पाने के लिए इस दुनियां में आया था, और उन्होंने इसे अपने सर्वोच्च बलिदान के साथ पूरा किया था। प्रभु यीशु सभी से प्यार करते हैं, वह इसी उद्देश्य से आए थे। यही कारण है कि वह दुनियां का उद्धारकर्ता है।
क्या आप अपने आसपास के कुछ लोगों को जानते हैं जो खो गए हैं? अर्थात जिन्होंने यीशु का अनुसरण नहीं किया, वे लगातार विनाश की ओर जा रहे हैं। आज आप उन्हें परमेश्वर का प्यार दिखाने और सुसमाचार सुनाने के लिए क्या करने जा रहे हैं?
प्रभु यीशु मसीह सुसमाचार सुनाने के लिए आए।
अपनी सेवकाई के दौरान जब प्रभु यीशु शमौन और अन्द्रियास के घर आया, जहां शमौन की सास ज्वर से पीड़ित थी, और प्रभु यीशु ने उसका हाथ पकड़कर उसे उठाया और चंगा किया तो संध्या के समय सारा नगर उनके द्वार पर इकट्ठा हुआ और प्रभु यीशु मसीह ने बहुत लोगों में से दुष्ट आत्माओं को निकाला और बहुतों को चंगा किया। और भोर को दिन निकलने से बहुत पहले प्रभु यीशु मसीह निकले और एक जंगली स्थान में गए और वहां प्रार्थना करने लगे।
तब उसके चेले उसको ढूंढते हुए वहां आए और प्रभु यीशु से कहने लगे कि सब लोग तुझे ढूंढ रहे हैं तो प्रभु यीशु मसीह ने अपने आने का उद्देश्य उन्हें फिर स्मरण दिलाया। यीशु ने उनसे कहा कि चलो हम आसपास की बस्तियों में भी प्रचार करने को जाएं, क्योंकि मैं इसलिए निकला हूँ। (मरकुस 1:29-38)
प्रभु यीशु मसीह लगातार परमेश्वर के राज्य की खुशखबरी का प्रचार करने के लिए गांव से गांव और शहर से शहर तक गए। क्योंकि उनको मालूम था कि खोई हुई मानवजाति तक खुशखबरी पहुंचाना है और प्रभु यीशु मसीह यह भी जानते थे कि कैसे उन्हें परमेश्वर से मिलाया जा सकता है और अनंत जीवन दिया जा सकता है।
क्या आप व्यक्तिगत रूप से खोए हुए लोगों तक सुसमाचार ले जा रहे हैं? मेरे प्रिय, अगर आप सुसमाचार नहीं बताएंगे तो कौन बताएगा?
प्रभु यीशु मसीह बहुतायत का जीवन देने के लिए आए।
यूहन्ना 10:10 में एक बार फिर प्रभु यीशु मसीह अपने चेलों को याद दिलाते हैं कि प्रभु यीशु क्यों आए? जहां इस प्रकार से लिखा है कि मैं इसलिए आया कि वे जिंदगी पाएं और बहुतायत से पाएं।
प्रभु यीशु मसीह वास्तविक आनंददाता है, शांतिदाता है। शैतान केवल चोरी करने, मारने, नष्ट करने के लिए आता है, लेकिन प्रभु यीशु जीवन देने और बहुतायत का जीवन देने के लिए आए थे। यह प्रचुर जीवन, एक संतुष्ट जीवन, एक आनंदमय जीवन और पवित्र आत्मा के फल से भरा हुआ जीवन है। प्रभु यीशु मसीह में ही हमें जीवन मिलता है।
याद रखिए 1 यूहन्ना 5:12 में लिखा है “जिसके पास परमेश्वर का पुत्र है उसके पास जिंदगी है और जिसके पास परमेश्वर का पुत्र नहीं उसके पास जिंदगी भी नहीं है।” यह कितनी भयावह और दर्दनाक स्थिति है? प्रभु यीशु मसीह के बिना जीवन संभव नहीं है। प्रभु यीशु जीवन का जल है, प्रभु यीशु जीवन की रोटी है।
मेरे प्रिय, यह जीवन सिर्फ आपके लिए ही नहीं है, दूसरों को भी इसकी आवश्यकता है। यदि आप अपने जीवन के उद्देश्य को समझ पाए हैं तो मेरे प्रिय, हमें भी दूसरों के पास उस जीवन को पहुंचाना है अर्थात उनके पास जो आत्मिक दृष्टि से मरे हुए हैं, अंधकार में हैं। आप और हम बच गए हैं, अब हमारी जिम्मेदारी है कि हम भी दूसरों तक उस बहुतायत के जीवन को पहुंचाएं जिनके पास यह अभी तक नहीं पहुंचा है।
प्रभु यीशु मसीह शैतान के कामों को नाश करने के लिए आए।
1 यूहन्ना 3:8 में प्रभु यीशु मसीह के धरती पर आने का एक और कारण दिया गया है, जिसमें लिखा है कि परमेश्वर का पुत्र इसलिए प्रकट हुआ कि शैतान के कामों को नाश करे। प्रभु यीशु मसीह ने जो भी धरती पर किया वह लोगों की भलाई के लिए था, जो शैतान के सताए हुए थे। यीशु ने लोगों को चंगा किया, उनके पापों को क्षमा किया, उन्हें दुष्ट आत्माओं से छुटकारा दिया, और उनके जीवन को बदल दिया। (प्रेरितों के काम 10:38)
शैतान के काम क्या है? – चोरी, हत्या, विनाश, पॉर्नोग्राफी, अनैतिकता, भ्रष्टाचार, व्यभिचार, विश्वासघात, जादू टोना, नशा, दुर्व्यवहार, गर्भपात और घृणा इत्यादि। उसका काम लोगों को परमेश्वर से भटकाना है। मेरे प्रियो, जब आसपास में हम शैतान के कामों को देखते हैं तो कभी-कभी ऐसा लगता है कि काश वह मेरे सामने आए तो मैं उसे बहुत दंडित करूंगा। ये आपको हास्यास्पद लग सकता है क्योंकि वह एक आत्मा है, दुष्ट आत्मा।
लेकिन मेरे प्रियो, सच में शैतान लोगों के जीवन को बर्बाद कर रहा है। वह परमेश्वर की प्रजा को नाश करने पर तुला है, परिवारों को नाश करने पर तुला है, बच्चों को गलत संगति में डालने में तुला हुआ है।
हो सकता है कि आपके मन में यह सवाल उठे यदि परमेश्वर है जो सर्वशक्तिमान है, सर्वव्यापी है तो वह अभी शैतान को क्यों नहीं रोक रहा है? इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए आप इस लिंक पर क्लिक करें कि क्यों परमेश्वर ने उसे अनुमति दी है?
परमेश्वर का वचन स्पष्ट रीति से हमें बताता है कि जितनों ने उसे ग्रहण किया यानी प्रभु यीशु को ग्रहण किया, विश्वास किया, परमेश्वर ने उन्हें अपने संतान होने का अधिकार दे दिया है। (यूहन्ना 1:12) हम भी उस जीवते परमेश्वर की संतान हैं, हमारा भी कर्तव्य है कि हम उस दुष्ट शैतान के कामों को नाश करें। यह तभी संभव है यदि हम प्रभु यीशु मसीह का अनुसरण करके अपना जीवन जीएं।
आइए हम सबसे पहले शैतान के कामों को अपने जीवन, अपने परिवार और कलीसिया में से नष्ट करें तभी हम इसे अन्य क्षेत्रों में होते हुए देख सकते हैं।
प्रभु यीशु मसीह वचन को पूरा करने के लिए आए।
मती 5:17 में प्रभु यीशु कहते हैं कि मैं व्यवस्था या भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तकों को लोप करने नहीं परन्तु उनको पूरा करने आया हूँ। शास्त्री और फरिसियों को भी यही लगा कि प्रभु यीशु व्यवस्था का विरोध करते हैं, वे भी यह ना समझे कि प्रभु यीशु मसीह में सारी व्यवस्था और भविष्यवाणियां पूर्ण होती है। प्रभु यीशु मसीह कानून तोड़ने नहीं आया था बल्कि पूरा करने आया था। वह स्वर्गीय पिता की इच्छा में चलने के लिए आया था।
यूहन्ना 14 में 4 बार यह शब्द आया है कि यदि तुम मुझसे प्यार करते हो तो मेरी आज्ञा को मानोगे। क्या हम परमेश्वर के वचन, पवित्रशास्त्र बाइबल को गंभीरता से लेते हैं? क्या हम वचन को सिर्फ सुनने वाले हैं या वचन पर चलने वाले भी?
प्रभु यीशु मसीह न्याय करने के लिए आए।
जब हम यूहन्ना 9 अध्याय पढ़ते हैं हम वहां पातें हैं कि प्रभु यीशु मसीह एक जन्म के अंधे को दृष्टिदान देते हैं। और कहते हैं कि मैं जगत की ज्योति हूँ। शास्त्रियों और फरिसियों और अन्य कई लोगों को विश्वास ही नहीं होता है कि वह व्यक्ति सच में अंधा था और अब देखता है। उन्होंने बहुत पड़ताल की, उसके मां – बाप को भी पूछा गया कि क्या उनका बेटा सच में जन्म से अंधा पैदा हुआ?
मुझे उस व्यक्ति के माता-पिता का जवाब बहुत पसंद आया जब उन्होंने उन यहूदियों से कहा कि खुद उनके बेटे से पूछे क्योंकि अब वह सयाना हो गया है। उस व्यक्ति को भी उन्होंने बार-बार पूछा जो अब देखने लगा था, उसने भी बहुत उत्तम जवाब दिया कि मैं अंधा था अब देखता हूँ। मुझे लगता है कि कई बार हमें भी ऐसे ही तर्कसंगत जवाब देने चाहिए।
प्रभु यीशु मसीह उसके बाद उन्हें “आत्मिक अंधापन” के बारे में बताते हैं। और यह भी बताते हैं कि वह क्यों आए। यीशु ने उनसे कहा मैं इस जगत में न्याय के लिए आया हूँ ताकि जो नहीं देखते हैं वे देखें, जो देखते हैं वह अंधे हो जाएं। (यूहन्ना 9:39) यह बात बिल्कुल सत्य है कि केवल प्रभु यीशु ही किसी भी व्यक्ति का न्याय करने का अधिकार रखते हैं।
पिता ने उन्हें अधिकार दिया है। मती 28:18 स्पष्ट रूप से यह बात करता है। बहुत बार हम इस दुनियां की न्याय प्रणाली के बारे में चिंतित होते हैं कि यह कितना अधिक भ्रष्ट हो चुका है। लेकिन मेरे प्रियो, सच्चे न्यायी के द्वारा सच्चे न्याय का समय आ रहा है।
बहुत बार हम भी बिना सोचे समझे एक दूसरे का न्याय करने लग जाते हैं मेरे प्रिय, न्याय करना परमेश्वर का काम है।
प्रभु यीशु मसीह सत्य की गवाही देने के लिए आए।
यूहन्ना 18:37 में प्रभु यीशु कहते हैं कि मैं इस दुनियां में इसलिए आया हूँ कि सत्य की गवाही दूँ। प्रभु यीशु स्वयं ही मार्ग, सत्य और जीवन हैं। (यूहन्ना 14:6) यह बात सत्य है कि यीशु इस दुनियां में मानवजाति को परमेश्वर की योजना में उसकी मूल स्थिति में वापस लाने के लिए आया।
हम जीवित परमेश्वर के पास तभी आ सकते हैं जब हम प्रभु यीशु मसीह के पास आते हैं। कोई दूसरा रास्ता नहीं है, यह शाश्वत सत्य था, है और रहेगा।
यदि प्रभु यीशु मसीह पृथ्वी पर इन उद्देश्यों को पूरा करने के लिए आए थे तो कलीसिया के पास और कोई विकल्प नहीं है। पृथ्वी पर हमारा जीवन उद्देश्य से संचालित है, एक उद्देश्यपूर्ण जीवन, सबसे संतुष्ट जीवन है।
बिना परमेश्वर के जीवन का कोई उद्देश्य नहीं है, और बिना उद्देश्य के जीवन का कोई अर्थ नहीं है, और बिना अर्थ के जीवन का कोई महत्व या मूल्य नहीं है। – Rick Warren
मेरे प्रिय, क्या आप भी धरती पर के अपने जीवन के प्रति गंभीर हैं? थोड़ा समय जरुर इस पर मनन करें। जब प्रभु यीशु मसीह भी अपने जीवन के उद्देश्य के प्रति गंभीर थे, तो क्या आपको और मुझको भी गंभीर होने की आवश्यकता नहीं है? क्या हमें यीशु के आने के उद्देश्य को सिर्फ एक दिन में याद करने के लिए रखना है या प्रतिदिन यीशु के आने के उद्देश्य को स्मरण रखना है, और उसके अनुसार जीना है?
शालोम
सच में हम परमेश्वर के उद्देश्य को नहीं समझते हम सांसारिक चीजों में उलझे हुए हैं
👍👍👍
Thank you Lord Jesus To come to save us and to give us eternal life
This is true brother
सच में यीशु मसीह अपने लोगों को बचाने और वचन को पूरा करने आए ।
Shi kha bde bhaiya…uddeshy important h
Thank u all pastor and leaders. Isse mujhe bahut kuch sikhne ko mila