कालेब के विश्वासयोग्य जीवन से सेवकाई के लिए सबक। (Faithful Life Of Caleb) (यहोशू 14:6-15, गिनती 13:1-33) इन दिनों में जब मैं यहोशू के जीवन से सीख रहा हूँ, आज प्रभु ने एक और विश्वासयोग्य व्यक्ति को मेरे सामने लाया। इसके जीवन से आज हम कुछ प्रेरणा लेंगे कि किस प्रकार हमने अपने पूरे जीवन भर, संपूर्ण मन से और पूरी विश्वासयोग्यता के साथ परमेश्वर का अनुसरण करना है।
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आज मैं आपको प्रभु की सेवकाई को करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहता हूं, और इसके लिए आज हम कालेब के जीवन से कुछ सबक लेंगे। वास्तव में यह घटना 45 साल पहले की है जब मूसा अभी जीवित ही था और लोगों को वायदा किए देश में ले जा रहा था। बारह जासूस कनान भेजे गए थे।
40 दिन बीतने के बाद वे उस देश का भेद लेकर लौट आए। उन्होंने मूसा से यह कहकर वर्णन किया जिस देश में तूने हमको भेजा था उसमें हम गए उसमें सचमुच दूध और मधु की धाराएं बहती है। परंतु उस देश के निवासी बलवान है और उसके नगर गढ़ वाले हैं और बहुत बड़े हैं।
फिर हमने वहां के लोगों को भी देखा और हमारा दिल पिघल गया, क्योंकि हम अपनी दृष्टि में उनकी सामने टिड्डे के समान दिखाई पड़ते हैं और ऐसे ही उनकी दृष्टि में मालूम पड़ते हैं। इसी अविश्वास की वजह से वे जंगल में 40 सालों तक भटकते रहे। परंतु यहोशू और कालेब (Caleb) ने कहा कि परमेश्वर की मदद से वे उस भूमि को ले सकते हैं। (गिनती 13 अध्याय)
45 वर्षों के बाद भी कालेब (Caleb) मजबूत था और परमेश्वर की महिमा के लिए महान चीजों को पूरा करना चाहता था। अभी कालेब 85 वर्ष का है, लेकिन वह अभी भी परमेश्वर के वायदे को याद करता है कि वह एक दिन भूमि को प्राप्त करेगा। कालेब ने अपने विश्वास को कभी कम न होने दिया।
जो मनुष्य परमेश्वर के उद्देश्य के प्रति वफादार रहता है वह परमेश्वर द्वारा बहुत उपयोग किया जाएगा।
परमेश्वर के पास आपके लिए बड़ी योजनाएं हैं।
परमेश्वर के पास आपके जीवन और आपकी सेवकाई के लिए बड़ी योजनाएं हैं। कालेब (Caleb) ने इस सत्य के ऊपर विश्वास किया था… कि परमेश्वर ने भूमि का वादा किया था। क्या आप जानते हैं जब आप सेवकाई में पहली बार बुलाए गए थे आप शायद यह नहीं जानते होंगे कि परमेश्वर के पास आपके लिए क्या है, पर आप जानते थे कि परमेश्वर के पास एक योजना है।
क्योंकि जो कल्पनाएं मैं तुम्हारे विषय करता हूं वह तुम्हारी भलाई के लिए हैं तुम्हारी हानि के लिए नहीं। कालेब जानता था कि परमेश्वर के पास उसके जीवन के लिए योजनाएं हैं। और यह सत्य आपके जीवन के लिए भी लागू होता है। (यिर्मयाह 29:11)
परमेश्वर अपनी योजनाओं को एक बार में ही आपके ऊपर प्रकट नहीं करता है।
परमेश्वर अपनी सभी योजनाओं को एक बार में ही आपके ऊपर प्रकट नहीं करता है। हो सकता है कि आपने भी ऐसी प्रार्थना की होगी कि प्रभु मुझे मेरे जीवन के लिए जो योजनाएं आपके पास है मुझ पर उन्हें प्रकट करें, क्योंकि बहुत बार हम बहुत जल्दी में होते हैं। अपने जीवन के लिए परमेश्वर की योजना को महसूस करने के लिए हमें विश्वास से चलना चाहिए, विश्वासयोग्यता से चलना चाहिए।
इसका क्या अर्थ है? इस भाग में कालेब कई बार खुद कहता है कि उसने अपने जीवन में पूरी तरह से परमेश्वर का अनुसरण किया। (यहोशू 14:6-14) हमें भी अपने जीवन में परमेश्वर की योजना को महसूस करने के लिए विश्वास से चलना होगा।
तू अपनी समझ का सहारा न लेना वरन संपूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रखना, उसी को स्मरण करके सब काम करना, तब वह तेरे लिए सीधा मार्ग निकालेगा। जब हम पूरी तरह से परमेश्वर के ऊपर भरोसा रखते हैं अपनी समझ के अनुसार नहीं चलते, तो परमेश्वर हमारे मार्ग को निर्देशित करेगा। (नीतिवचन 3:5-6)
विश्वास से चलिए, परमेश्वर के एक समर्पित संतान के रूप में जीएं। कई बार आपकी सेवकाई में ऐसा समय आया होगा जब आप नहीं जानते हैं कि किस रास्ते में चलना है? या क्या करना है? हो सकता है कि आज भी आप यही सोच रहे हैं। मैं सिर्फ यही कहना चाहूंगा, विश्वासयोग्य बने रहो और विश्वासयोग्यता में चलते रहो।
क्योंकि परमेश्वर की योजनाएं आपके जीवन के लिए बहुत बड़ी है। और परमेश्वर सारी योजनाओं को आप पर एक बार में ही प्रकट नहीं करेगा इसलिए विश्वास में चलते रहो विश्वासयोग्यता में चलते रहो। परमेश्वर जो काम करने वाला है उसके लिए वह आपके जीवन को तैयार करता आया है।
कालेब (Caleb) लोगों को वायदा किए गए देश में ले जाने के लिए एकदम सही व्यक्ति था। वह चुनौतियों को जानता था, उस भूमि को जानता था। इससे भी बढ़कर उसका मानना था कि परमेश्वर उन्हें जीत हासिल करने की ताकत देंगे। मुझे लगता है कि उसके साहस ने और भी लोगों को लड़ने के लिए आवश्यक साहस दिया। आपके जीवन के सभी अनुभवों ने आपको परमेश्वर की योजना के लिए तैयार होने के लिए ढाला है।
आप में से कुछ ने बड़ी चुनौतियों का भी सामना किया है और महत्वपूर्ण घाटियों से होकर गुजरे हैं। जिस प्रकार मैंने मेरे जीवन में माता पिता के प्यार को कभी महसूस नहीं किया, माता-पिता होते हुए भी। और जब से मैंने प्रभु यीशु को उद्धारकर्ता के रूप में स्वीकार किया, उस वक्त से उनके वचन ने मुझे बार-बार उत्साहित किया कि मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं।
माता-पिता छोड़ सकते हैं लेकिन मैं तुम्हें कभी नहीं छोडूंगा। दूध पिलाने वाली मां भूल सकती है, लेकिन मैं तुम्हें कभी नहीं भूलूंगा। साथ ही साथ मैं परमेश्वर की योजना को जो मेरे जीवन के लिए थी समझ पाया और धीरे-धीरे मैं प्रभु यीशु मसीह के इस दुनियां में आने के उद्देश्य को समझने लगा।
उसी दौरान परमेश्वर ने मुझे 1यूहन्ना 3:8 की ओर ले गया जहां पर यीशु मसीह का आने का एक उद्देश्य बताया गया है। उस आयत के अगले भाग में बताया गया है कि परमेश्वर का पुत्र इसलिए प्रकट हुआ कि शैतान के कामों को नाश करे। और जब मैं इस आयत को पढ़ ही रहा था तो परमेश्वर ने मुझे यूहन्ना 1:12 की ओर ले गया जहां पर इस प्रकार से लिखा है कि जितनों ने भी उसे ग्रहण किया, परमेश्वर ने उन्हें पुत्र होने का अधिकार दे दिया। अब मेरे सामने बातें स्पष्ट होने लग गई थी।
चूंकि प्रभु यीशु मसीह इस दुनियां में शैतान केे कामों को नाश करने आया और वचन बताता हैै कि मैं भी विश्वास के द्वारा परमेश्वर का पुत्र हूं तो मुझे समझ आया कि मेरे जीवन का उद्देश्य भी शैतान के कामों को नाश करना है। कभी-कभी हमें समझ नहीं आता है कि हमारे जीवन में यह सब कुछ चल क्या रहा है? लेकिन मेरे प्रिय, मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं कि आपको विश्वास करने की जरूरत है, विश्वास से चलने की जरूरत है क्योंकि परमेश्वर की योजनाएं आपके लिए अद्भुत है।
परमेश्वर आपके जीवन में आपको तैयार करता हुआ आया है उसके लिए, जिसके लिए कि उसकी आपके लिए योजना है। जरा दाऊद के बारे में सोचिए, जो एक चरवाहा लड़का था जो बाद में एक हीरो बन गया और उसके बाद एक राजा। परमेश्वर उसे उसके जीवन के अगले प्लान के लिए तैयार करता आ रहा था।
अपने जीवन पर चिंतन करें और ऐसे समय को याद करें जब परमेश्वर ने आपको पहले ही सच्चाई दिखा दी हो। उसने किसी को सही समय और सही जगह पर आपके पास भेजा और वे भी तैयार थे और उन्होंने आपके जीवन को धन्य कर दिया। शायद से यह एक और सेवक था। परमेश्वर ने आपकी जरूरत को उन के माध्यम से पूरा किया।
परमेश्वर की योजना का अनुसरण करें।
यदि आप परमेश्वर की योजना का अनुसरण करेंगे तो परमेश्वर आपको आशीष देगा और दुनियां को बदलने के लिए आप का उपयोग करेगा। कालेब (Caleb) अब उसी जगह पर हैं जहां वह 45 साल पहले था। कालेब जानता था कि यह आसान नहीं होगा लेकिन वह निश्चित था कि परमेश्वर की मदद से वे प्रबल हो जाएंगे और वायदे की भूमि में प्रवेश करेंगे। अब जब कालेब 85 साल का हो गया तो उसने कहा कि आज भी मुझ में उतनी ही ताकत है जितने की उस समय मुझमें थी। (यहोशू 14:11)
कालेब ने उसी भूमि को चुना जहां पर अनाकवंशी रहते थे। जिसके बारे में उन भेदियों ने कहा था कि हम तो उनके सामने टिड्डे जैसे हैं। (गिनती 13:33) मुझे लगता है कि आपको कहानी का अंत मालूम है, उस देश के निवासियों को हराया जाता है और ये लोग उस वायदा की हुई भूमि में प्रवेश करते हैं। परमेश्वर की योजना आसान नहीं हो सकती है।
हम भले काम करने में साहस ना छोड़े क्योंकि यदि हम ढीले न हो तो ठीक समय पर कटनी काटेंगे। (गलातियों 6:9) परमेश्वर अभी भी आप के माध्यम से दुनियां को बदलना चाहते हैं। याद रखिए परमेश्वर ने कभी नहीं कहा कि यह आसान होगा।
आप अपने जीवन के बाकी समय में क्या करने जा रहे हैं? इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि परमेश्वर आपके जीवन के बाकी बचे हुए समय के साथ क्या करना चाहता है? आप कल इस प्रश्न का उत्तर नहीं दे सकते। आपको आज ही इसका जवाब देना है, क्यों? कल शायद आए ही न! परमेश्वर किसी का जीवन हमेशा के लिए बदलने के लिए आज आपको इस्तेमाल करना चाहता है।
यदि आप आज उस पर भरोसा करते हैं और उसकी योजना में कार्यरत हो जाते हैं, और आप हिम्मत नहीं हारते, हम देखेंगे कि परमेश्वर आपके जीवन के साथ जरूर कुछ अविश्वसनीय करेंगे। आज ही यह प्रतिबद्धता (Commitment) बनाएं और कहें कि मैं पूरी तरह से प्रभु का अनुसरण करूंगा। कालेब ने हमें एक उदाहरण दिया है कि किस प्रकार हमें बिना डर के, विश्वास के साथ जीना है। कालेब का विश्वासयोग्य जीवन मुझे उत्साहित करता है, क्या यह आपके लिए भी सत्य है?
- कालेब (Caleb) सच्चे मन वाला, विश्वासयोग्य व्यक्ति था। (यहोशू 14:7) याद रखिए परमेश्वर का देखना मनुष्य का सा नहीं है, मनुष्य तो बाहर का रूप देखता है परंतु परमेश्वर की दृष्टि मन पर रहती है। (1शमूएल 16:7)
- कालेब (Caleb) पूरी रीति से परमेश्वर का अनुकरण करने वाला व्यक्ति था। (यहोशू 14:9,14)
- कालेब (Caleb) एक साहसी व्यक्ति था और जानता था कि उसको सामर्थ परमेश्वर से ही मिलता है। (यहोशू 14:8,11-12, गिनती 13:30)
- कालेब (Caleb) दूसरों को उत्साहित करने वाला व्यक्ति था। (यहोशू 14:8, गिनती 13:30)
एक सवाल: आप किस तरह के व्यक्ति बनना चाहते हैं?
शालोम
Badiya siksha….