जागृति क्यों ठहरी हुई है? (Why Does Revival Tarry?)

जागृति ठहरी हुई है क्योंकि प्रचार अति व्यावसायिक हो गया है, क्योंकि सुसमाचार को सस्ता बना दिया गया है, लापरवाही के कारण, डर के कारण, क्योंकि हमारे पास प्रार्थना में तात्कालिकता की कमी है, क्योंकि हम उस महिमा को चुराते हैं जो परमेश्वर की है। By Leonard Ravenhill

जागृति क्यों ठहरी हुई है? (Why Does Revival Tarry?) यह लेख “Why Revival Tarries?” नामक पुस्तक में से लिया गया है। इसमें लियोनार्ड बताते हैं कि आत्म जागृति आज ठहरी हुई क्यों है? क्या कारण हैं जिसकी वजह से आज आत्म जागृति में देरी है। आइए साथ में इस पुस्तक के लेख को पढ़ें और अपने आप को जांचें और सही करें।

जागृति क्यों ठहरी हुई है?

हारनैक ने मसीहत की व्याख्या इस प्रकार से की “मसीहत बहुत सरल परंतु बहुत विशिष्ट चीज है: जिसमें हम वर्तमान और अनंतकाल के लिए परमेश्वर की दृष्टि के नीचे और उसकी सहायता से रहते हैं।”

काश कि विश्वासी अनंतकाल के प्रति सचेत रहें। यदि हम प्रतिदिन के प्रतिक्षण परमेश्वर की दृष्टि के नीचे रहें, यदि हम प्रत्येक कार्य न्याय आसन को ध्यान में रखते हुए करें, यदि हम अपनी प्रत्येक वस्तु न्याय आसन को ध्यान में रखते हुए बेचें, यदि हम प्रत्येक प्रार्थना न्याय आसन को ध्यान में रखते हुए करें, यदि हम सारी संपत्ति का दसवांश न्याय आसन को देख ध्यान में रखते हुए दें, यदि हम प्रचारक लोग प्रत्येक उपदेश को तैयार करते समय एक दृष्टि बर्बाद मानवता पर रखें और एक न्याय आसन पर – तब कुछ ही समय में पवित्र आत्मा की जागृति आएगी, जो इस पृथ्वी को हिला देगी और लाखों बहुमूल्य आत्माओं को छुटकारा मिल जाएगा।

ऊपर से शक्ति आज की सर्वोच्च आवश्यकता है। – C. G. Finney

आज के समय के उग्र, घमंडी असंयमी, विश्वासघाती लोग, सिंहासनों का डगमगाना, साम्यवाद की आग जो भीतर ही भीतर सुलग रही है, विश्व प्रभुता का प्रस्ताव जो रोम कर रहा है, हमें चौकन्ना कर देने के लिए है। यह ठीक ही कहा गया है कि विश्व में आज तीन ही श्रेणी के लोग हैं, वे जो डरते हैं, वे जो डरने के विषय में ज्यादा नहीं जानते हैं, और वे जो अपनी बाइबल को जानते हैं। सदोम, जहां बाइबल नहीं थी, प्रचारक नहीं थे, प्रत्रिकाएं नहीं थी, प्रार्थना सभाएं नहीं थी, कलीसिया नहीं थी, बर्बाद हो गया। फिर कैसे अमेरिका और इंग्लैंड सर्वशक्तिमान परमेश्वर के क्रोध से बच जाएगा? इसे विचार कीजिए। हमारे पास लाखों बाइबल हैं, हजारों कलीसियाएं हैं, प्रचारकों की कोई कमी नहीं है – और फिर भी पाप का क्या हाल है!

लोग हमारे कलीसिया भवनों को बनाते हैं पर उन में प्रवेश नहीं करते, हमारी बाइबलों को छापते हैं पर उन्हें नहीं पढ़ते, परमेश्वर के विषय में बात करते हैं परंतु उस पर विश्वास नहीं करते, मसीह के विषय में बात करते हैं परंतु उद्धार के लिए उस पर विश्वास नहीं करते, हमारे स्तुति गीतों को गाते हैं फिर उन्हें भूल जाते हैं। हम इन सब बातों से बाहर कैसे निकल पाएंगे?

परमेश्वर के वचन के बारे में तर्क करने से सावधान रहें – उसका पालन करें। – Oswald Chambers

ज्यादातर सभी बाइबल संबंधी सभा इस बात पर जोर देती है कि आज की कलीसिया इफिसुस  की कलीसिया की तरह है। हमसे यह कहा जाता है, हमारे पाप और सांसारिकता के बावजूद भी हम उसके (मसीह) साथ बैठे हैं। हाय, कैसा झूठ! हम इफिसियन हैं ठीक हैं, लेकिन प्रकाशितवाक्य की इफिसियन कलीसिया की तरह हमने “अपना पहला प्रेम छोड़ दिया है!” हम पाप को मानते हैं – परंतु उसका विरोध नहीं करते। इस ठंडी, सांसारिक, नुक्ताचीनी करने वाली, लापरवाह कलीसिया के प्रति और सुस्त, ढीला, लालसापूर्ण दुराचारी युग कभी आत्मसमर्पण नहीं करेगा। हम बलि के बकरों को ढूंढना बंद कर दें। नैतिकता में गिरावट का दोष रेडियो या दूरदर्शन नहीं है। आज अंतरराष्ट्रीय दुराचार और भ्रष्टाचार का पूर्ण दोष कलीसिया के द्वार पर है! कलीसिया अब दुनियां के पक्ष में कांटा नहीं है। सच्ची कलीसिया की विजय उसकी लोकप्रियता के समय नहीं बल्कि हमेशा विपत्ति के समय हुई है। यह बड़े आश्चर्य की बात है कि हम इस बात को मानने के लिए इतने “भोले” हैं कि कलीसिया अपने निम्न स्तर के मसीही जीवन से, मनुष्यों को यीशु मसीह का नए नियम का स्तर प्रस्तुत कर रही है।

जागृति ठहरी हुई है क्योंकि प्रचार अति व्यावसायिक हो गया है।

जागृति क्यों ठहरी हुई है? उत्तर बहुत साधारण है – क्योंकि प्रचार अति व्यवसायिक हो गया है। विधवाओं व गरीबों के द्वारा किया गया दशवांश कई प्रचारकों द्वारा ऐशो आराम में खर्च किया जाता है। बड़ी भीड़, खोजियों की बड़ी पंक्ति, शहर के महापालिकाध्यक्ष (Mayor) द्वारा बड़ी प्रशंसा आदि की चिल्लाहट ऊंचे आकाश तक की जाती है। प्रेम भेंट (Love Offering) का लेखा-जोखा देने के सिवाय सब बातों का प्रचार है! कंगाल को ठगा जा रहा है “वह सोचता है कि वह परमेश्वर की सेवा कर रहा है” परंतु जो कुछ वह कर रहा है वह यह है कि बड़े ख्याति प्राप्त, छोटे हृदय वाले प्रचारक को हॉलीवुड जैसे वैभव में रख रहा है। 

यदि मसीह प्रचार करने के लिए जाने से पहले अभिषेक होने की प्रतीक्षा कर रहा था, तो किसी भी युवा को तब तक प्रचार नहीं करना चाहिए जब तक कि वह भी पवित्र आत्मा द्वारा अभिषेक नहीं किया जाता। – F. B. Meyer

जिन प्रचारकों के बंगले और कोठियां झील के किनारे हैं, उस झील में नाव भी है, एक बड़ा धन बैंक में जमा है, फिर भी पैसे के लिए भीख मांगते हैं। क्या ऐसे लुटेरे, बेईमान मनुष्यों को परमेश्वर पवित्र आत्मा की जागृति सौंपेगा? ये प्रिय, युवा प्रचारक एक दिन में एक बार नहीं परंतु दो – तीन बार अपने सूट बदलते हैं। वे गौशाला में जन्मे यीशु का प्रचार तो करते हैं परंतु स्वयं आलीशान होटलों में रहते हैं। अपने स्वयं के भोग-विलास के लिए उस एक नाम पर, जिसे अपने उपदेश को समझाने के लिए एक सिक्का मांगना पड़ा था, अपने श्रोताओं को आर्थिक रुप से चूसते हैं। वे महंगे हॉलीवुड के सूट, उस एक के सम्मान में पहनते हैं जिसने किसान का बागा पहना था। भुने हुए महंगे मांस का भोज उस एक की याद में करते हैं, जिसने अकेले जंगल में उपवास किया था। आज प्रचारक न केवल अपनी मजदूरी का हकदार है, बल्कि चक्रवृद्धि ब्याज का भी (ऐसा वह सोचता है) इन सब बातों का अंत न्याय की सुबह में कैसा डरावना होगा! 

जागृति ठहरी हुई है क्योंकि सुसमाचार को सस्ता बना दिया गया है।

जागृति ठहरी हुई है क्योंकि सुसमाचार को सस्ता बना दिया गया है। रिकॉर्ड के द्वारा रेडियो पर और कलीसिया के अंदर भी आज कलीसिया के गीत नाच की धुन पर बजाए जाते हैं। हमारे पास यीशु के बहुमूल्य लहू पर बने गीत समय बिताने के लिए हैं! कल्पना कीजिए, हमने पवित्र आत्मा के महत्व को कितना कम कर दिया है। मंच हमारे वरदानों को प्रदर्शित करने का स्थान बन गया है। प्रचार करने वाली टीम बेजान मूर्तियों के समान अपना प्रदर्शन करते हुए चली जाती है। आज जब मैं कुछ चिकनी-चुपड़ी बात करने वाले प्रचारकों को झूठे अभिषेक के साथ प्रचार करते देखता हूं जिससे सभा में झूठा ईश्वरीय डर उत्पन्न हो, तो मैं यह भी आशा करता हूं कि एक दिन मेंढक भी हमारी सभाओं में आकर संगीत यंत्रों को बजाने लगेंगे।

आज प्रचारक लोग कई बार किसी के लिए कुछ भी बनने को तैयार हैं यदि वह किसी को किसी भी कारण के लिए वेदी के पास लाने में सफल हो जाएं। वे बड़ी चतुराई से पूछते हैं: “किसको सहायता की जरूरत है? किसको और सामर्थ चाहिए? कौन परमेश्वर के साथ चलना चाहता है?” पाप करो और पश्चाताप करो ऐसा “आसान विश्वास” यीशु के रक्त को अपमानित और वेदी को भ्रष्ट करता है। हमें वेदी को ठीक करना है, क्योंकि वेदी बलिदान देने का स्थान है। जो इस कीमत को नहीं चुका सकते वे इसे छोड़कर अलग हो जाएं।

जागृति ठहरी हुई है लापरवाही के कारण।

जागृति ठहरी हुई है लापरवाही के कारण। वेदी पर उन आत्माओं के साथ जो अनंतकाल के कार्य के लिए आती है बहुत कम समय दिया जाता है। प्रचारक अपने मित्रों से मिलने में व्यस्त हैं; और जब पापी लोग वेदी के सामने अपने पापों के लिए विलाप कर रहे होते हैं, वह मनुष्य के द्वारा की जा रही प्रशंसा की मलाई पी रहा होता है। 

जागृति ठहरी हुई है डर के कारण।

जागृति ठहरी हुई है डर के कारण। हम प्रचारक आज की झूठी धार्मिकता के विषय में बोलने से डरते हैं, शायद इसलिए कि एक नाम के अलावा कोई और नाम भी हो जिससे मनुष्यों का उद्धार हो सके। लेकिन प्रेरित 4:12 अभी भी पवित्रशास्त्र में है – “क्योंकि स्वर्ग के नीचे मनुष्यों में और कोई दूसरा नाम नहीं दिया गया।” आधुनिक प्रचारक के विचार क्या इस बात पर संकुचित हैं?

एलिय्याह ने बाल के पुजारियों का ठठ्टा किया और उनकी नपुंसकता पर ताना मार के उनकी खिल्ली उड़ाई। परमेश्वर की इच्छा पूरी करने के लिए यह अच्छा होगा कि हम इस अंधकार में युग में दौड़कर (जैसा गिदोन ने किया था) ऊंचे स्थान गिरा दें इस अर्धरात्रि के समय ख्रीष्ट रहित पंथ और उसके प्रभुत्व को अपमानित करने वाली ढेर सारी झूठी धार्मिकता, परमेश्वर को ललकारते हैं। क्या कोई चेतावनी की घंटी नहीं बजाएगा? हम प्रोटेस्टेंट नहीं – केवल “नॉन कैथोलिक” रह गए हैं। हम किस बात का और किसके लिए प्रोटेस्ट कर रहे हैं? जितना हम सोचते हैं उतना यदि आधा भी हम सरगर्म होते और यदि जितनी “अपनी सामर्थ्य” हम कहते हैं उसका दसवां भाग भी हमारे पास होती तो आज हमारे मसीही लोग पवित्र लहू से शुद्ध हो गए होते और पानी एवं आग से उनका बपतिस्मा हो गया होता।

“मैं अपनी आत्मा को बचाने के लिए काम नहीं कर सकता,
उसके लिये मेरे प्रभु ने किया है;
लेकिन मैं किसी गुलाम की तरह काम करूंगा,
परमेश्वर के प्यारे बेटे के प्यार के लिए।” – Unknown

वेस्ली ने देखा, कि इंग्लैंड की कलीसियाओं के द्वार उसके विरुद्ध बंद कर दिए गए हैं। रोलेंडहिल उनके विषय में कहते हैं, “वह और उसके साथ जाने वाले सड़क छाप लोग जो प्रचार करना नहीं जानते, मनुष्यों के हृदयों को मैला करते हैं।” कितनी फूहड़ भाषा! लेकिन वेस्ली न मनुष्यों से डरे, न ही दुष्टात्माओं से। यदि व्हीटफील्ड का इंग्लैंड के मंच पर सबसे नीच प्रकार का भद्दा मज़ाक उड़ाया गया और यदि नए नियम में मसीहों को पत्थरवाह किया गया और हर प्रकार की निंदा उन्होंने उन्होंने सही, और जबकि पाप और पापी आज भी वैसे ही हैं तो क्यों आज हम प्रचारकों पर नर्क का क्रोध नहीं प्रकट हो रहा है? हम क्यों इतने ठंडे व शून्य हैं? आज पुनर्जागरण के बिना सताव हो सकता है, लेकिन पवित्रशास्त्र या कलीसिया के इतिहास में ऐसा कब हुआ जब पुनर्जागरण हुआ हो और सताव नहीं हुआ हो?

जागृति ठहरी हुई है क्योंकि हमारे पास प्रार्थना में तात्कालिकता की कमी है।

जागृति ठहरी हुई है क्योंकि हमारे पास प्रार्थना में तात्कालिकता की कमी है। एक मशहूर प्रचारक ने एक सभा में इन शब्दों के साथ प्रवेश किया “मैं इस सभा में अपने हृदय में प्रार्थना के लिए बड़ा बोझ लेकर आया हूं। वह जो मेरे साथ सहभागी होना चाहते हैं, कृपया कर अपने हाथों को उठाएं; और हम में से कोई ढोंग ना करें।” वहां उस सभा में अच्छा प्रतिवेदन था। लेकिन सप्ताहांत में जब आधी रात की प्रार्थना शुरू की गई, तो वह बड़ा प्रचारक सोने चला गया। ज्यादा ढोंग नहीं है! वफादारी चली गई है! सब सतही रह गया है!

एक सबसे बड़ा कारण, जिसकी वजह से पवित्र आत्मा की जागृति ठहरी हुई है, वह है आत्मा में पीड़ा की कमी। हम गवाही देने को प्रचार से बदल रहे हैं। कैसा पागलपन! याकूब 5:17 में एलिय्याह के लिए एक बहुमूल्य पद दिया गया है “उसने प्रार्थना की!” यदि यह लिखा हुआ नहीं होता तो हम पुराने नियम की इस घटना को पकड़ लेते और वहां प्रार्थना शब्द को न पाकर कहते “एलिय्याह ने तो भविष्यवाणी की!” प्रार्थना में हमारा खून नहीं बहा है जैसा कि लूथर ने कहा है “हमारी आत्माओं पर पसीना तक नहीं आया है।” हम, “ले लो या छोड़ दो” के भाव से प्रार्थना करते हैं; हम अवसरवादी प्रार्थनाएं करते हैं; हम वह अर्पण करते हैं जिसकी हमने कोई कीमत नहीं चुकाई है! हमारे अंदर “प्रबल इच्छाशक्ति” तक नहीं है। हम अनियमित, उदासीन और अकड़ने वाले हैं। 

जागृति क्यों ठहरी हुई है? (Why Does Revival Tarry?)
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केवल एक ही सामर्थ जिसको परमेश्वर स्थान देता है वह प्रार्थना की सामर्थ है। हम प्रार्थना की सामर्थ पर बहुत कुछ लिख सकते हैं परंतु प्रार्थना में युद्ध नहीं कर सकते। आज की कलीसिया के लिए “हम युद्ध नहीं करते हैं!” यह पदवी दी जा सकती है, हम अपने स्वभाविक या आत्मिक दानों का प्रदर्शन करते हैं; हम अपने राजनैतिक या आत्मिक विचारों का बड़ा बखान करते हैं; हम एक भाई को शिक्षा में ठीक करने के लिए संदेश भी दे सकते हैं या पुस्तक लिख सकते हैं; परंतु कौन नर्क के मजबूत गढ़ पर आक्रमण करेगा? कौन शैतान से कहेगा? – नहीं! कौन अपने लिए अच्छे भोजन, संगति या अच्छे आराम का त्याग करेगा ताकि नर्क उसकी ओर ताक सके कि किस रीति से वह युद्ध कर सकता है, व नरक की आबादी को कम कर सकता है, तथा अपनी बोझ से भरी प्रार्थना के उत्तर में प्रभु यीशु के लहू से धुली आत्माओं की एक बड़ी भीड़ देख सकता है?

जागृति ठहरी हुई है क्योंकि हम उस महिमा को चुराते हैं जो परमेश्वर की है।

और अंत में जागृति ठहरी हुई है क्योंकि हम उस महिमा को चुराते हैं जो परमेश्वर की है। इसे सुनिए और आश्चर्य कीजिए: यीशु ने कहा, “मैं मनुष्यों का आदर नहीं चाहता।” और “तुम जो एक दूसरे से आदर चाहते हो और वह आदर जो अद्वैत परमेश्वर की ओर से है, नहीं चाहते, किस प्रकार विश्वास कर सकते हो? (यूहन्ना 5:41, 44) तमाम शारीरिक पीठ ठोकने वाली और मंच पर चापलूसी करने वाली चाल से दूर रहिए। ‘मेरा रोडियो प्रोग्राम’, ‘मेरा चर्च’, ‘मेरी पुस्तकें!’ ऐसी शेखी वाली बातों से भी दूर रहिए। हाय, हमारे मंचों पर शरीर का ऐसा प्रदर्शन: “हम बड़े भाग्यशाली हैं इत्यादि” और वे वक्ता (जो मात्र अनुग्रह ही के कारण वहां हैं) यह सब स्वीकार करते हैं, नहीं! – इन सब की तो वे अपेक्षा भी करते हैं। वास्तविकता तो यह है कि यदि इन उपदेशकों का इस तरह परिचय न दिया गया होता तो शायद हम जान भी ना पाए होते ये इतने महान हैं! 

बेचारा परमेश्वर! उसे इन सब से कुछ भी प्राप्त नहीं होता! तब परमेश्वर अपनी धन्य किंतु भयंकर प्रतिज्ञा को पूरा क्यों नहीं करता और हमें अपने मुंह से उगल क्यों नहीं देता? हम असफल हो गए हैं, हम घृणित हैं, हमें मनुष्यों की प्रशंसा प्रिय है, हम अपने “स्वार्थ की खोज में रहते हैं।” “हे परमेश्वर, हमें इस सड़न व गंदगी से तू निकाल! हमें तू तोड़! न्याय हम प्रचारकों से ही शुरु होना चाहिए।”


(Taken from the book, Why Revival Tarries? By Leonard Ravenhill)


मुझे आशा है कि इस संदेश के द्वारा परमेश्वर ने जरुर आपसे कुछ बात की होगी। अभी भी मौका है मेरे प्रचारक भाइयो, कि आप उस सेवा के प्रति गंभीर हो जाएं जिसके लिए प्रभु ने आपको बुलाया है। ताकि हम भी इस धरती पर अपने जीवन के अंत में यह कह सकें कि “मैं अच्छी कुश्ती लड़ चुका हूँ, मैंने अपनी दौड़ पूरी कर ली है मैंने विश्वास की रखवाली की है।” (2 तीमुथियुस 4:7)

हम किसी के लिए ठोकर का कारण न बने! आप जानते ही हैं कि हम उपदेशक और भी दोषी ठहरेंगे। (याकूब 3:1) धन के लोभ में अपने जीवन को छलनी न बना दें। धन की आशा में प्रभु की सेवा को न करें। चिकनी चुपड़ी बातों से लोगों को प्रसन्न करने के चक्कर में न रहें। अपने जीवन में लापरवाही छोड़ दें। आपके पास सच है इसलिए सत्य का प्रचार करने से न डरें। प्रार्थना की जरुरत को समझें। संसारिकता में खो न जाएं, बल्कि स्वर्गीय वस्तुओं की खोज में रहें। परमेश्वर की महिमा को न चुराएँ क्योंकि आपके पास जो कुछ भी योग्यता, धन-सम्पति, समय, परिवार, लोग इत्यादि दिया गया है, प्रभु के अनुग्रह से ही हैं। इसलिए नम्र बनें रहें। दिखावे का जीवन जीना छोड़ दें। अनंतकाल को मध्य नज़र रखते हुए जीवन बिताएं।

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Anand Vishwas
Anand Vishwashttps://disciplecare.com
आशा है कि यहां पर उपलब्ध संसाधन आपकी आत्मिक उन्नति के लिए सहायक उपकरण सिद्ध होंगे। आइए साथ में उस दौड़ को पूरा करें, जिसके लिए प्रभु ने हम सबको बुलाया है। प्रभु का आनंद हमारी ताकत है।

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