प्रार्थना में निरंतरता बनाये रखें और हिम्मत न हारें।

Do Not Lose Your Heart (Persistent Widow)

प्रार्थना में निरंतरता बनाये रखें और हिम्मत न हारें। (Do Not Lose Your Heart) मसीही जीवन की इस साहसिक यात्रा में कभी-कभी लग सकता है कि अब तो बहुत हो गया अब और प्रार्थना नहीं की जाती, अब और नहीं। क्या आपको लगता है कि आपकी प्रार्थनाओं को सुना नहीं जा रहा? अब और सब्र नहीं रखा जाता। हमें लगने लगता है कि पता नहीं परमेश्वर कहां चला गया शायद हमें भूल गया? 

मेरे प्रियो, आपको क्या लगता है? क्या हम सही सोच रहे हैं? जी नहीं, क्योंकि हम भूल सकते हैं लेकिन परमेश्वर हमें कभी भी भूल नहीं सकता है। यदि आप जीवन की मुश्किल परिस्थितियों में भी प्रार्थना में निरंतरता और परमेश्वर के जीवित वचन को नियमित अध्ययन करना जारी रखेंगे, तो मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि ऐसी परिस्थितियों में भी आप निराश नहीं होंगे बल्कि आप आशा में आनंदित रहेंगे जैसा कि पवित्रशास्त्र बताता है।

प्रभु यीशु ने भी अपने शिष्यों को उत्साहित किया कि नित्य प्रार्थना करना और हियाव नहीं छोड़ना चाहिए। (Luke 18:1-8) उन्होंने एक दृष्टान्त बताया कि किसी नगर में एक न्यायाधीश रहता था जो कि ऐसा मनुष्य था जिसके जीवन में न परमेश्वर का डर था और न वह किसी इन्सान की परवाह करता था।

उसी नगर में एक विधवा भी रहती थी। जो कि अपने इंसाफ के लिए बार बार उस न्यायाधीश के सामने दोहाई देती कि मेरे मुखालिफ़ को जीतने न दें बल्कि मेरा इंसाफ करें। वह विधवा बार बार और कई बार आकर यही दोहाई देती रही। पर न्यायाधीश तो किसी की भी परवाह नहीं करता था, क्योंकि जिसके जीवन में परमेश्वर का भय नहीं तो जाहिर सी बात है वह किसी इन्सान की परवाह क्यों करे? 

प्रार्थना में निरंतरता बनाये रखें और हिम्मत न हारें। (Do Not Lose Your Heart)
Contributed by FreeBibleimages

पर उस विधवा की निरंतरता (Consistency) ने उसको हिला ही दिया। न्यायाधीश भी कुछ समय तक तो नहीं माना पर अंत में मन में विचार कर कहा कि जो व्यक्ति न परमेश्वर से डरता है और न इन्सान की परवाह करता है फिर भी बार बार आकर यह विधवा मुझे सताती है। अब तो मुझे इसका न्याय चुकाना पड़ेगा, कहीं बार बार आकर मेरे नाक में दम न कर दे। 

तब परमेश्वर कहते हैं, कि सुनो यह अधर्मी न्यायी क्या कहता है? क्या परमेश्वर अपने चुने हुओं के विषय में देर करेगा जो रात दिन उसकी दोहाई देते रहते हैं? क्या वह उनका न्याय नहीं चुकाएगा? प्रभु यीशु कहते हैं कि मैं तुमसे सच सच कहता हूँ वह तुरंत उनका न्याय चुकाएगा।

मेरे ख्याल से आप समझ गये होंगे कि आपको भी ऐसी परिस्थिति में क्या करना है? बस वो ही सूत्र याद रखें जो प्रभु यीशु ने बताये।

  • आपको नियमित प्रार्थना करनी चाहिए। 
  • हिम्मत न हारें। 

नियमित प्रार्थना करते रहें। 

परमेश्वर का वचन हमें उत्साहित करता है कि हम निरंतर प्रार्थना करते रहें। मुश्किल हालातों में भी प्रार्थना करते रहें। जब प्रभु यीशु ने उपरोक्त उदाहरण दिया जिसमें लगता था कि शायद वो अधर्मी न्यायी कभी नहीं सुनेगा, पर जब विधवा ने निरंतरता बनाये रखी तो उसे उस विधवा का न्याय चुकाना ही पड़ा।

यहाँ एक बात और भी ध्यान देने वाली है जब वो अधर्मी व्यक्ति किसी की दोहाई सुन सकता है, तो क्या परमेश्वर अपने चुने हुओं की दोहाई न सुनेगा? यीशु कहते हैं वो परमेश्वर तो सच्चा न्यायी है वो अपने चुने हुओं की प्रार्थना अवश्य सुनेगा, बस निरंतरता बनाये रखें।

आशा में आनन्दित रहो; क्लेश में स्थिर रहो; प्रार्थना में नित्य लगे रहो। रोमियों 12:12 HINDI-BSI

वचन बताता है कि जिन्होंने उसकी ओर दृष्टि की उन्होंने ज्योति पाई और उनका मुंह कभी काला न होने पाया। परमेश्वर हमेशा प्रार्थनाओं का उतर देते हैं, यदि हम उसकी इच्छा के अनुसार मांगे। ये भी याद रखें कि वो एक भला परमेश्वर है। यीशु ने कहा कि तुम बुरे होकर अपने बच्चों को अच्छी वस्तुएं देना जानते हो तो तुम्हारा स्वर्गीय पिता मांगने वालों को अच्छी चीजें क्यों न देगा? 

मान लो कि आपको एक पेड़ काटना है और प्रतिदिन उसमें एक ही बार कुल्हाड़ी से वार करना है मुझे बताइए क्या वो पेड़ कटेगा? हां, थोड़ा समय लग सकता है मेरे प्रिय, पर एक दिन वो पेड़ अवश्य ही कटेगा। यही निरंतरता बनाये रखने का प्रतिफल है। 

हिम्मत न हारें। 

प्रभु यीशु यही चाहते हैं कि हम हिम्मत न हारें। तभी तो उन्होंने इस उदाहरण को देकर अपने अनुयायियों को उत्साहित किया। हमें अपना हियाव नहीं छोड़ना है क्योंकि उसका प्रतिफल बड़ा है। (Hebrew 10:35) धीरज धरना आवश्यक है ताकि आप परमेश्वर की इच्छा पूरी करके प्रतिज्ञा का फल पाओ। (Hebrew 10:36) हम साहस न छोड़ें क्योंकि यदि हम ढीले न हों तो सही वक्त में कटनी काटेंगे। 

किसी ने इस प्रकार कहा है कि:- 

यदि परमेश्वर हमारी प्रार्थनाओं का उत्तर तुरंत देता है तो वो हमारे विश्वास को बढ़ा रहा है, यदि परमेश्वर थोड़ा समय बीतने के बाद उत्तर देता है तो वो हमारे धीरज को बढ़ा रहा है और यदि परमेश्वर हमारी प्रार्थनाओं का उत्तर देने में उससे ज्यादा समय लगा रहा है तो उसके पास हमारे लिए कुछ बेहतर है। 

मेरे प्रियो, कभी कभी हम प्रार्थना करके भूल जाते हैं लेकिन परमेश्वर कभी नहीं भूलता है। मुझे मालूम है कि कई बार हम अपने जीवन के लिए आत्मिक फल की मांग करते हैं। तो मेरे प्रिय उस आत्मिक फल में प्रेम, आनंद, शांति, धीरज, कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता और संयम है इसलिए समय-समय पर परमेश्वर इन बातों को हमारे जीवन में विकसित करेगा।

आत्मसंयम भी सिखाएगा, कभी हमें नम्रता सिखाएगा, कभी भलाई करना और कभी परमेश्वर को हमारे धीरज के क्षेत्र में भी काम करना है, क्योंकि वो भी चाहता है कि हम इन क्षेत्रों में बढ़ें आखिर हमने ही तो प्रार्थना की कि हमारे जीवन में आत्मिक फल विकसित हों। इसलिए परमेश्वर को अपना काम करने दें, हिम्मत न हारें। हमेशा किसी भी चीज को विकसित करने में समय तो लगता ही है, परमेश्वर आपको बेहतर इन्सान बनाने में जुटा है बस हिम्मत न हारें। 

परमेश्वर के वचन में हम कई विश्वासयोग्य व्यक्तियों के बारे में पढ़ते हैं जो कि हमारे ही समान दुःख सुख भोगी इन्सान थे। ये आशा और विश्वास से भरे व्यक्ति थे। उन्होंने प्रार्थना में निरंतरता बनाए रखी, विश्वास बनाये रखा और हिम्मत नहीं हारी।

प्रार्थना में निरंतरता बनाये रखें और हिम्मत न हारें। (Do Not Lose Your Heart)
Photo by Ben White on Unsplash

ऐसे ही अब्राहम ने हिम्मत नहीं हारी, युसूफ ने हिम्मत नहीं हारी, मूसा ने हिम्मत नहीं हारी, हन्ना ने हिम्मत नहीं हारी, नहेम्याह ने हिम्मत नहीं हारी, राजा दाऊद ने हिम्मत नहीं हारी, राजा यहोशापात ने हिम्मत नहीं हारी, दानिय्येल ने हिम्मत नहीं हारी, शद्रक, मेशक, अबेदनगो ने हिम्मत नहीं हारी और इब्रानियों के लेख के 11 अध्य्याय में तमाम लोगों ने हिम्मत नहीं हारी; बल्कि परमेश्वर पर विश्वास बनाए रखा। ये भी याद रखें कि विश्वास, परमेश्वर का आदर करता है और परमेश्वर, विश्वास का आदर करता है। हिम्मत ना हारें।  

खुशखबरी ये है कि परमेश्वर ने आपको चुना है और वह अपने चुने हुओं के विषय देर नहीं करेगा। वो परमेश्वर आपकी प्रार्थना को जरूर सुनेगा। बस आप नित्य प्रार्थना करते रहें और हिम्मत न हारें। परमेश्वर एक भला परमेश्वर है, वो विश्वासयोग्य परमेश्वर है, मुश्किल समय में भी वो आपको न छोड़ेगा और न धोखा देगा। उसकी योजनाएं हमेशा हमारी भलाई के लिए ही हैं, बस प्रार्थना में नित्य लगे रहें, परमेश्वर की इच्छा को जानने का प्रयास करते रहें और हिम्मत न हारें।

शालोम

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Anand Vishwas
Anand Vishwashttps://disciplecare.com
आशा है कि यहां पर उपलब्ध संसाधन आपकी आत्मिक उन्नति के लिए सहायक उपकरण सिद्ध होंगे। आइए साथ में उस दौड़ को पूरा करें, जिसके लिए प्रभु ने हम सबको बुलाया है। प्रभु का आनंद हमारी ताकत है।

More articles ―

My First Illustrated Bible Stories New Testament Boxed Set of 10 Books

My First Illustrated Bible Story series is a collection of richly illustrated well-known stories from the Old Testament. Each story is written in an easy-to-understand manner, which will surely be enjoyed by its readers. This boxed set is perfect for sharing.This book is a must-have for all children!• Has well-researched and child-friendly content• Is an excellent selection for gifting and school libraries• Contains ten most well-known stories from the Old Testament• Features gorgeous and bright illustrations on every page• Is a highly recommended addition to beginner’ s Bible collection